देशभर में प्रॉपर्टी की कीमत आसमान छू रही है। दिल्ली-एनसीआर में 2बीएचके फ्लैट की कीमत 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। आम आदमी चाह कर भी अपना घर खरीद नहीं पा रहा है। प्रॉपर्टी मार्केट में बना यह बबल कम फटेगा कहना मुश्किल है, लेकिन इसके पीछे का खेल चौंका जरूर रहा है! रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कैलेंडर साल के दौरान नई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन लागत में सालाना आधार पर सिर्फ 2% से 4% प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, दूसरी ओर इस दौरान डवेलपर्स ने घर की कीमत 49% तक बढ़ा दिया। प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में घरों की औसत कीमत चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 49% प्रतिशत बढ़ी। एनारॉक की भी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी मार्केट में पिछले साल दरों में औसतन 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सांठगांठ का यह पूरा खेल
रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि यह साफ-साफ दर्शाता है कि किस तरह का खेल प्रॉपर्टी मार्केट में चल रहा है। प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन लागत मामूली बढ़ी। वहीं, दूसरी ओर तमाम प्रोजेक्ट पुराने अलॉट किए लैंड पर ही डेवलपर हो रहे हैं। फिर कीमत में इतनी बड़ी बढ़ोतरी कैसे हो गई? यह पूरा खेल सांठगांठ का है। इसमें इन्वेस्टर्स, बिल्डर और ब्रोकर शामिल हैं। इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। वह चाहकर भी अपना घर खरीद नहीं पा रहा है। नोएडा का मार्केट एक समय अफोर्डेबल के लिए जाना जाता था लेकिन अब यहां पर अफोर्डेबल नाम का कुछ भी नहीं रह गया है। वक्त रहते इस पर नीति निर्माता को कदम उठाने की जरूरत है।
इस तरह बढ़ी कंस्ट्रक्शन लागत
सीबीआरई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में सीमेंट, इस्पात और एल्युमीनियम की लागत में वार्षिक आधार पर क्रमशः 6-8 प्रतिशत, 3-5 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पेंट की लागत स्थिर रही। हालांकि, इस दौरान लकड़ी और पत्थर की कीमतों में क्रमशः 3-6 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चुनिंदा मांग दबाव को दर्शाता है। सीबीआरई ने कहा, ‘‘जबकि कुछ प्रमुख सामग्री लागतों में नरमी देखी गई, कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों की लगातार कमी के कारण वर्ष 2024 के दौरान श्रम व्यय में औसतन पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। श्रम लागत में इस वृद्धि ने सामग्री लागत में कमी के लाभ को समेट दिया। इससे कुल निर्माण लागत बढ़ गई।’’
कहां कितनी बढ़ी कीमत
प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट 'रियल इनसाइट: रेजिडेंशियल एनुअल राउंड-अप 2024' के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी आठ प्रमुख शहरों में सबसे अधिक रही। इन आठ शहरों में दिल्ली-एनसीआर के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की कीमत 49% तक बढ़ी। अहमदाबाद में औसत कीमतें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़कर 4,402 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। बेंगलुरु में कीमतें 12 प्रतिशत बढ़कर 7,536 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। चेन्नई में कीमतें 16 प्रतिशत बढ़कर 7,173 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। हैदराबाद में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में औसत आवास कीमते तीन प्रतिशत बढ़कर 7,053 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई। कोलकाता में औसत दरें 10 प्रतिशत बढ़कर 5,633 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं।