Holi controversy: भाजपा विधायक ने होली पर मुसलमानों से घर के अंदर रहने को कहा, तेजस्वी ने पूछा- ‘सीएम कहां हैं?’

0
58
Bihar BJP MLA Haribhushan Thakur Bachaul
Bihar BJP MLA Haribhushan Thakur Bachaul

Holi controversy: सोमवार को जहां संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में एनपीए यानी नई शिक्षा नीति और मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर हंगामा रहा वहीं, बिहार में होली के दिन जुम्मे की नमाज़ कैसे अदा की जाए या न की जाए इसको लेकर बहस चल पड़ी. एक तरफ जहां तमिलनाडु जैसे राज्य नए परिसीमन, ट्रंप टैरिफ और शिक्षा नीति को लेकर चिंतित है.

वही बिहार बीजेपी यूपी सरकार के नक्शे कदम पर चल राज्य में हिंदू-मुसलमान डिबेट को आगे बढ़ा रही है.
बिहार में भारतीय जनता पार्टी के मधुबनी के बिस्फी से विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने ये अपील कर विवाद खड़ा कर दिया कि होली के दिन मुसलमान घर के अंदर रहे. दरअसल होली इस बार शुक्रवार को पड़ रही है और रमज़ान का जुम्मा होने के चलते बड़ी संख्या में मुसलमान इस दिन मस्जिदों में नमाज पड़ने निकलते है.

साल में 52 जुम्मा (शुक्रवार) होते हैं. उनमें से एक होली के साथ पड़ा है- बीजेपी विधायक

हरिभूषण ठाकुर बचौल ने पीटीआई से कहा, “मैं मुसलमानों से अपील करना चाहता हूं कि साल में 52 जुम्मा (शुक्रवार) होते हैं. उनमें से एक होली के साथ पड़ा है. इसलिए, उन्हें हिंदुओं को त्योहार मनाने देना चाहिए और अगर उन पर रंग लगाया जाता है तो बुरा नहीं मानना चाहिए. अगर उन्हें ऐसी कोई समस्या है, तो उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए. सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है.”
जब उनसे कहा गया कि मुसलमान रमजान के दौरान रोजा (उपवास) रखते हैं और शुक्रवार को विशेष प्रार्थना करते हैं, तो ठाकुर ने कहा, “उनके हमेशा दोहरे मापदंड रहे हैं. वे अबीर-गुलाल (रंगीन पाउडर) बेचकर स्टॉल लगाकर पैसा कमाकर खुश होते हैं, लेकिन अगर उनके कपड़ों पर कुछ दाग लग जाते हैं, तो वे दोजख (नरक) से डरने लगते हैं.”

ई बिहार है, यहाँ एक-एक मुसलमान के समर्थन और सुरक्षा में पाँच-पाँच हिंदू खड़ा है-तेजस्वी यादव

बीजेपी विधायक के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी विधायक पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी विधायक (हरिभूषण ठाकुर) बचोल ने मुस्लिम भाइयों से होली पर बाहर न निकलने को कहा है. वह कौन है और वह ऐसी बातें कैसे कह सकता है? सीएम कहां हैं? क्या सीएम में बचोल को दंडित करने की हिम्मत है? यह राम और रहीम को मानने वाला देश है. यह बिहार है. उन्हें यह समझने की जरूरत है कि यहां पांच-छह हिंदू एक मुस्लिम भाई की रक्षा करेंगे.”
तेजस्वी के अलावा रबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव और सुनील सिंह जैसे कई आरजेडी विधायकों ने भी बचौल के बयान की निंदा की.

मैं सीएम से आग्रह करता हूं कि वे संज्ञान लें और कार्रवाई करें-कांग्रेस विधायक

वहीं, कांग्रेस विधायक आनंद शंकर ने भी बचौध पर निशाना साधा और कहा, “जिस तरह से प्राचीन काल में राक्षस हवन, पूजा में हस्तक्षेप करते थे, वर्तमान में ऐसे लोग बीजेपी के लोग हैं, वे त्योहारों में हस्तक्षेप करते हैं, लोगों को धर्म, जाति के आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं, राजनीतिक लाभ लेते हैं और इसी तरह से वे काम करते हैं. यह देश संविधान से चलता है और अगर ऐसा है, तो उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए. मैं सीएम से आग्रह करता हूं कि वे संज्ञान लें और कार्रवाई करें.”

भाजपा विधायक की अपनी राजनीति और अपनी राय हो सकती है- आशोक चौधरी, जेडीयू

आरजेडी और कांग्रेस के हमलावर तेवरों के जवाब में जेडीयू ने इसे बीजेपी की सोच बता अपना पल्ला झाड़ लिया. जेडीयू के आशोक चौधरी ने भी गलत बताया औऱ कहा, भाजपा विधायक की अपनी राजनीति और अपनी राय हो सकती है लेकिन इस तरह का बयान कहीं से भी सही नहीं है लोगों ने हिंदू मुस्लिम को बांट दिया लेकिन दोनों ही इंसान है इसलिए इस बयान को सही नहीं ठहराया जा सकता .
वहीं सरकार की ओर से बोलते हुए, बिहार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और जेडी(यू) नेता जमा खान ने कहा कि “कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। प्रशासन को त्योहारों के मौसम में सौहार्द बनाए रखने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.”

संभल के सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी के बयान से शुरु हुआ विवाद

दरअसल साल में 52 जुम्मे और एक दिन होली वाला लोजिक यूपी के संभल से शुरु हुआ. दुख की बात ये रही की ये विवाद पुलिस महकमें से शुरु हुआ जिनपर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है.
संभल के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी ने कहा था कि, “होली एक ऐसा त्योहार है जो साल में एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है. अगर किसी को होली के रंगों से असहज महसूस होता है, तो उसे उस दिन घर के अंदर ही रहना चाहिए. जो लोग बाहर निकलते हैं, उन्हें व्यापक सोच रखनी चाहिए, क्योंकि त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाने चाहिए.”

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा, ” जिन अधिकारियों को होली और ईद के गले मिलने में एकरूपता देखनी चाहिए अगर वो ही नकारात्मक बात करेंगे तो भेदकारी भाजपा के राज में सौहार्द की रक्षा कैसे होगी?”
हलांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारी की टिप्पणी का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि अधिकारी ने भले ही पहलवान की तरह बात की हो, लेकिन अर्जुन पुरस्कार विजेता ने जो कहा वह सही था.
यानी की जहां यूपी में प्रशासन के नफरती बयानों को सरकार का समर्थन प्राप्त है वहीं बिहार में सरकार की आंख में शर्म बाकी है….वो अपने नफरती सहयोगी की जबान पर लगाम भले नहीं लगा सकती हो लेकिन बयान की निंदा और प्रशासन ने सौहार्द बनाए रखने की बात तो कह ही पा रही है. ऐसे में उम्मीद है कि बिहार भले ही आर्थिक रूप से यूपी का मुकाबला न कर पाए लेकिन सामाजिक और सौहार्द के मामले में यूपी, एमपी और राजस्थान जैसे बीजेपी सरकार वाले राज्यों से कही आगे है.

ये भी पढ़ें- Parliament budget session: भाषा और परिसीमन विवाद पर दोनों सदनों में हंगामा, राहुल गांधी ने मतदाता सूची पर लोकसभा में चर्चा की मांग की