Terrorist Tehvur Rana : 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के बुरे दिन की शुरूआत हो गई है. आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है . अमेरिकी अब अपनी जेल में बंद तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए तैयार है. भारत के प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कहा है कि अमेरिका कमेडियन नागरिक तहब्बुर राणा का भारत प्रत्यर्पण के लिए तैयार है. तहव्वुर राणा 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत से भाग गया था . तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट से भी मंजूरी मिल गई है.
Terrorist Tehvur Rana मुंबई अटैक के बाद भाग गया था अमेरिका
26- 11- 2008 के मुंबई अटैक में 167 लोगों की जान गई थी.मुंबई पर कहर बरपाने वाले इस आतंकी हमले में केवल अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ गया था, जिसे भारत ने 2012 में फांसी की सजा दे दी थी. हमले के करीब एक साल बाद इस मामले में दो और नाम सामने आए, जो पूरी साजिश में शामिल थे. इनमें से एक था पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली और दूसरा था पाकिस्तानी मूल का कैनेडियन नागरिक तहव्वुर राणा. इन दोनों को अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने आतंकी साजिश रचने के एक दूसरे मामले में शिकागो से गिरफ्तार किया था.
रिचर्ड हेडली ने तहब्बुर राणा के बारे में दी जानकारी
हेडली से पूछताछ के बाद मुंबई हमलों में तहब्बुर राणा की भूमिका उजागर हुई. हेडली ने बताया था कि जिन ठिकानों पर हमले हुए थे उनकी रेकी उसने खुद अमेरिका से पांच बार भारत आकर की थी. हेडली ने बताया था कि हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा ने रची थी. मुंबई में अपनी पहचान छिपाने के लिए हेडली ने ताडदेव में एक इमीग्रेशन कंपनी खोली थी जिसका मालिक तहव्वुर राणा था.
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर तहब्बुर राणा बना आतंकी
तहब्बुर राणा पाकिस्तान सेना में डॉक्टर था और उसका दर्जा कैप्टन का था. 1997 में उसने फौज की नौकरी छोड़ दी और अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा में बस गया.अमेरिकी एफबीआई के हाथों पकड़े जाने के बाद हेडली ने मुंबई हमले में अपनी और राणा की भूमिका की पूरी जानकारी दी थी. अमेरिका ने हेडली को 35 साल जेल की सजा सुनाई, लेकिन राणा को बरी कर दिया. लेकिन राणा को डेनमार्क में पैगंबर मोहम्मद के तस्वीर मामले में हमले की साजिश के लिए 14 साल की सजा मिली.
भारत लंबे समय से भारत अमेरिका से तहब्बुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग करते रहा है. अमेरिका एक उसे प्रत्यर्पण संधि की तहत भारत भेजने के लिए तैयार भी हो गया था लेकिन राणा ने अमेरिकी कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण को चुनौती दी . उसने कोर्ट से कहा कि उसे भारत बिना किसा ठोस सबूत के इस मामले में फंसा रहा है लेकिन अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की दलीलों को खारिज कर दिया और उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दे दिया है.