Kasganj Chandan Gupta Murder Case : उत्तर प्रदेश के कासगंज में युवक चंदन गुप्ता की सरेआम हत्या के मामले में 28 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. एक दिन पहले गुरुवार को एनआईए (NIA) की विशेष अदालत के जस्टिस विवेकानंद सरन त्रिपाठी ने सभी 28 आरोपियों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था. विशेष अदालत ने इन आरोपियों को उम्रकैद की सजा देने के साथ साथ भारी जुर्माना भी लगाया है. सभी 28 आरोपियों को हत्या के मामले में उम्रकैद देने के साथ साथ राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामले में 3-3 साल की अतिरिक्त सजा दी गई है. इसी मामले के मुख्य आरोपी सलीम और उसके 6 साथियों को अदालत ने आर्म्स एक्ट के तहत भी सजा सुनाई है. सभी 28 आरोपियों को वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये ही सुना गया और जज ने भी आनलाइन ही सजा सुनाई. इस दौरान एक आरोपी सलीम गैरहाजिर था, उसने भी शुक्रवार सुबह अदालत में सरेंडर कर दिया है.
Kasganj Chandan Gupta Murder Case में लगभग 7 साल बाद सजा के ऐलान
अदालत में दो आरोपियों असीम कुरैशी और नसरुद्दीन को संदेह का लाभ मिला और उन्हें बरी कर दिया गया. सजा सुनाये जाने के समय 26 आरोपी कोर्ट रुप में मौजूद थे. एक आरोपी मुनाजिर रफी की सुनवाई कासगंज जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई. मुनाजिर रफी किसी दूसरे मामले में कासगंज जेल में बंद है.आरोपी सलीम के गैरहाजिर होने के बाद उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया था, बाद में सलीम ने शुक्रवार को अदालत में सरेंडर कर दिया.
हत्या और देशद्रोह के मामले में हुई सजा
इस घटना के सभी 28 आरोपियों पर दंगा फैलाने , जानलेवा हमला करने हत्या ,देशद्रोह-राष्ट्रध्वज का अपमान जैसे संगीन आरोप लगाये गये थे. मामले में 12 गवाहों को पेश किया गया जिसके आधार पर विशेष अदालत के जज ने सजा सुनायी. सभी आरोपियों को धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307,302, 504, 506 दंड संहिता और धारा 2 राष्ट्र ध्वज का अपमान निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है.
युवक चंदन गुप्ता के हत्या मामले में विशेष अदालत ने मुख्य आरोपी सलीम के साथ साथ वसीम, जाहिद , आसिफ कुरैली, असलम कुरैशी, अकरम, शवाब, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ जिमवाला, बबलू ,नीशू, खिल्लन, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, साकिर, शाकिब, खालिद परवेज, साकिब, फैजान, साकिर, मुनाजिर रफी आमिर रफी को उम्रकैद की सजा दी है.
26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवक की हुई थी हत्या
आपको बता दें कि 2018 में हुई हत्या के मामले में लगभग 7 साल बाद आरोपियों को सजा हुई है. मामला 2018 का है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा निकाला जा रहा था, तिरंगा लकेर चल रहा जुलूस जब तहसील रोड होते हुए राजकीय बालिका कॉलेज के गेट के सामने पहुंचा तभी हथियारों से लैस घात लगाए एक झुंड ने तिरंगा लेकर चल रहे लोगों को रोका और हाथ से तिरंगा छीनकर फेंक दिया. इस भीड़ ने पाकिस्तान जिंदाबाद और हिन्दुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाये और हथियार तानकर धमकी दी कि जिंदा निकलाना है तो पाकिस्तान जिंदाबाद कहना होगा.यात्रा निकाल रहे युवक चंदन ने इस बात का विरोध किया तो भीड़ की तरफ से पथराव शुरु कर दिया गया और फायरिंग की गई. आरोप है कि सलीम ने चंदन को निशाना बनाकर गोली मार दी. फायरिंग में कई और लोग भी घायल हो गए . फिर चंदन को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई शुरु हुई. मामले NIA ने अपने हाथ में लिया और 5 सालों की जांच और गवाहों के बयानों के बाद आखिरकार भीड़ का नेतृत्व कर रहे सलीम और उसके साथ आये 27 लोगों को स्पेशल कोर्ट ने अब सजा सुनाया है.