Thursday, December 12, 2024

Parliament session: सभापति के खिलाफ प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित

Parliament session: बुधवार को शीतकालीन सत्र का एक और दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया. राज्यसभा पहले 12 बजे और फिर 12 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा में विपक्ष के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद हंगामा बढ़ गया. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष जेपी नड्डा के जॉर्ज सोरस और सोनिया गांधी के रिश्तों पर चर्चा करने की मांग ने विपक्ष को नाराज़ कर दिया.

विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया

मंगलवार को विपक्षी गुट इंडिया ने राज्यसभा में एक नोटिस पेश किया, जिसमें उपसभापति जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग की गई, जिसमें उन पर उच्च सदन के सभापति के रूप में “पक्षपातपूर्ण” आचरण प्रदर्शित करने का आरोप लगाया गया. कांग्रेस, आरजेडी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई-एम, जेएमएम, आप, डीएमके और समाजवादी पार्टी जैसे दलों के 60 विपक्षी सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित इस नोटिस को विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा.

Parliament session: उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सांसदों ने क्या कहा

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लाने पर विपक्ष ने कहा कि उन्हें ऐसा करते हुए दुख है लेकिन ये प्रस्ताव लाना उनकी मजबूरी थी

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने कहा, “यह बहुमत या अल्पमत का सवाल नहीं है. मुद्दा यह है कि हम राज्यसभा के सभापति के खिलाफ ऐसा प्रस्ताव लाने के लिए बाध्य हैं क्योंकि यह स्पष्ट है कि वे सत्ताधारी मोर्चे की मदद कर रहे थे और सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन किया गया. राज्यसभा के सभापति का एकतरफा दृष्टिकोण, हमेशा सत्ताधारी मोर्चे की मदद करना और विपक्ष के वास्तविक अधिकारों को नकारना. उन्हें किसी भी मोर्चे का हिस्सा नहीं होना चाहिए…”

टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए कहा, “एनडीए एक राष्ट्रीय आपदा गठबंधन है जिसका एक ही लक्ष्य है – सदन में चर्चा को रोकना. टीएमसी ने महंगाई और उर्वरक की बढ़ती कीमतों पर राज्यसभा में दो नोटिस पेश किए. संसदीय कार्य मंत्री को संसद का प्रबंधन करने में अपनी अक्षमता के लिए शर्म आनी चाहिए. हम लगातार आग्रह कर रहे हैं कि संसद को ठीक से काम करना चाहिए.”

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