Maharashtra election: मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी एस चोकलिंगम ने कहा कि किसी भी वीवीपैट पर्ची का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के नंबरों से मिलान करने में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है. यह बात हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद विपक्षी खेमे में इसकी विश्वसनीयता को लेकर चल रही गहन बहस के बीच कही गई.
विपक्ष ने उठाए थे ईवीएम पर सवाल
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन – महा विकास अघाड़ी (एमवीए) राज्य चुनाव 2024 में झटका लगने के बाद ईवीएम की वैधता पर सवाल उठा रहा है.
महाराष्ट्र का सोलापुर जिला ईवीएम विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बन गया है, जब ग्रामीणों ने पिछले सप्ताह मतपत्रों का उपयोग करके नकली “पुनर्मिलन” आयोजित करने का असफल प्रयास किया था.
मुख्य चुनाव अधिकारी महाराष्ट्र ने गड़बड़ी के आरोपों पर क्या कहा
ईवीएम पर आरोपों का जवाब देते हुए, मुख्य चुनाव अधिकारी महाराष्ट्र ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, “भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत के चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5 वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जानी थी, ताकि ईवीएम में संख्याओं का मिलान किया जा सके”
महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, “23 नवंबर को मतगणना के दिन ही सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1445 वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की गई और किसी भी वीवीपीएटी पर्चियों के संबंधित ईवीएम नंबरों से मिलान में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई.”
महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे चौकाने वाले थे
हाल के विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र में महायुति के नाम से मशहूर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 235 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की, जिसमें से भाजपा ने 132, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.
कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट से मिलकर बनी एमवीए ने 16, 20 और 10 सीटें जीतीं.
सोलापुर में ईवीएम विरोधी प्रदर्शन
रविवार को एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने सोलापुर जिले में आयोजित एक “ईवीएम विरोधी” कार्यक्रम में अपने संबोधन में आरोप लगाया कि मतदाताओं में ईवीएम को लेकर विश्वास की कमी है.
मार्कडवाडी गांव पिछले हफ्ते सुर्खियों में आया था, जब ग्रामीणों के एक वर्ग ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए मतपत्रों का इस्तेमाल करके नकली “पुनर्मिलन” कराने की कोशिश की थी. प्रशासन और पुलिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया, जिसके कारण मामले दर्ज किए गए.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मालशिरस निर्वाचन क्षेत्र से विजयी उम्मीदवार उत्तम जानकर, जो एनसीपी (एसपी) से हैं, को बड़े अंतर से जीत हासिल करनी चाहिए थी, लेकिन ईवीएम में विसंगतियों के कारण वे पीछे रह गए.
क्या है वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT)
वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) एक ऐसा तरीका है जिससे बैलेटलेस वोटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके मतदाताओं को फीडबैक दिया जाता है. जब कोई मतदाता चुने गए उम्मीदवार के खिलाफ़ EVM पर बटन दबाता है, तो VVPAT उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह वाली एक पर्ची प्रिंट करता है और उसे अपने आप सीलबंद बॉक्स में डाल देता है.
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