Delhi Pollution Supreme Court : दिल्ली-एनसीआर इस समय गैस के चेंबर में बदल गया है. हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जम कर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि ग्रैप-3 और ग्रैप-4 को लागू करने में इतनी देरी क्यों की गई है. दिल्ली और एनसीआर में हालत ये है कि अधिकांश स्थानों पर हवा में प्रदूषण का स्तर 400 से अधिक है.सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता 12 तारीख से ही “गंभीर” हो गई थी, फिर आपको ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने में 3 दिन क्यों लगे. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अब अगर AQI 400 से नीचे भी आता है तो भी हम आपको ग्रैप-4 को वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे. हम यही आदेश देने का प्रस्ताव रखते हैं. आप न्यायालय की अनुमति के बिना ग्रैप 4 को वापस नहीं लेंगे.
आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर में जैसे ही मौसम मं थोड़ी ठंढक आई है, तब से लगतार हवा की गुणवत्ता बेहद खराब के श्रेणी में है. रविवार को AQI का स्तर 450 के पार पहुंच गया. जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने 18 नवंबर सुबह 8 बजे से ग्रैप 4 लागू करने की घोषणा की, लेकिन 18 नवंबर यानी मंगलवार सुबह स्थिति और खतरनाक हो गई है और कई इलाकों में AQI 500 पास पहुंच गया.
आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर में जैसे ही मौसम मं थोड़ी ठंढक आई है, तब से लगतार हवा की गुणवत्ता बेहद खराब की श्रेणी में ही दर्ज हो रहा है . रविवार को AQI 450 के पार पहुंच गया. जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने 18 नवंबर सुबह 8 बजे से ग्रैप 4 लागू करने की घोषणा की, लेकिन 18 नवंबर यानी मंगलवार सुबह स्थिति और खतरनाक हो गई है और कई इलाकों में AQI 500 पास पहुंच गया.
दिल्ली में औसत प्रदूषण का स्तर 481 तक पहुंच गया है. एनसीआर की हालत भी ऐसी ही है. यहां नोएडा में AQI 384, गुरुग्राम में 446, गाजियाबाद में 400 और फरीदाबाद में 336 दर्ज किया गया.
हालता की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 9वीं क्तलास तक स्कूलों को बंद कर दिया है और ऑनलाइन क्लासेस लेने के लिए कहा है, वहीं आज दिल्ली सरकार कर्मचारियों के लिए घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम को लेकर फैसला ले सकती है.