Thursday, November 21, 2024

Pappu Yadav seeks ‘Z’ category: लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से सांसद को डर, अमित शाह से की सुरक्षा बढ़ाने की मांग

Pappu Yadav seeks ‘Z’ category: पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जान को जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से खतरा है. सांसद ने जान से मारने की धमकी का हवाला देते हुए सरकार से अपनी सुरक्षा को ‘जेड’ श्रेणी में बढ़ाने का अनुरोध किया है. हलांकि हिंदुस्तान अखबार ने अपनी खबर में लिखा है कि इस खबर पर पप्पू यादव की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.
अखबार ने लिखा, बार-बार प्रयास करने के बावजूद पप्पू यादव और पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के शर्मा से उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका. यादव के प्रवक्ता राजेश यादव ने कहा कि सांसद झारखंड में हैं.

लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क को खत्म करने को लेकर डाला था पोस्ट

पप्पू यादव ने पुलिस सुरक्षा के लिए अनुरोध 13 अक्टूबर को एक्स पर एक पोस्ट डालने के कुछ दिनों बाद किया, जिसमें उन्होंने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की गतिविधियों को रोकने में असमर्थता के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठान पर तंज कसा था, जिस पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल होने का संदेह है. छह बार के सांसद ने यह भी दावा किया कि अगर उन्हें खुली छूट मिले तो वे 24 घंटे के भीतर गैंगस्टर के नेटवर्क को खत्म कर सकते हैं.

Pappu Yadav seeks ‘Z’ category: अमित शाह को पत्र में क्या कहा

21 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे अपने पत्र में पप्पू यादव ने कहा कि उन्हें पहले भी माओवादियों और अन्य जाति-आधारित संगठनों से जान का खतरा रहा है.
सांसद ने अपने पत्र में कहा, “जब लॉरेंस बिश्नोई गिरोह देश भर में विभिन्न मामलों में शामिल था, तब मैंने एक राजनीतिक व्यक्ति के रूप में गैंगस्टर का विरोध किया था. इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के मुखिया ने मुझे धमकी दी.” यह पत्र बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहित शीर्ष पुलिस अधिकारियों को भी भेजा गया है.

पहले भी कई बार हुआ है जान पर हमला-पप्पू यादव

सांसद ने फोन कॉल की ऑडियो रिकॉर्डिंग संलग्न करते हुए कहा कि अतीत में उनकी जान पर कई बार हमला किया गया था और 2015 में उन्हें “वाई प्लस” सुरक्षा दी गई थी, जिसे 2019 में घटाकर “वाई श्रेणी” कर दिया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार, जेड श्रेणी की सुरक्षा वाले व्यक्ति की सुरक्षा में कम से कम 30 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. इसमें छह निजी सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं – एक एस्कॉर्ट जिसमें तीन वरिष्ठ रैंक के अधिकारी और नौ निचले रैंक के अधिकारी होते हैं और सशस्त्र गार्ड के रूप में दो वरिष्ठ और आठ निचले रैंक के अधिकारियों का एक दल होता है.

ये भी पढ़ें-JPC on Waqf Bill: जेपीसी की बैठक में फिर हुई नोकझोंक, संजय सिंह समेत विपक्षी नेताओं ने किया वॉकआउट

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news