Friday, November 8, 2024

‘एक देश एक चुनाव’ के लिए बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

One Nation One Election : बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में ‘एक देश एक चुनाव’ के लिए बनी रामनाथ कोविंद कमिटी की रिपोर्ट को मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट की बैठक में इस कमिटी की रिपोर्ट पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई गई है.

One Nation One Election के प्रस्ताव के बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकरी

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री एश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सभी राजनीतिक दलों ने बड़ी संख्या में एक राष्ट्र एक चुनाव पहल का समर्थन किया है. राजनीतिक पार्टियों ने इसके लिए हुई उच्च-स्तरीय बैठकों में बहुत स्पष्टता के साथ अपनी राय रखी है. केंद्रीय मंत्री न कहा कि हमारी सरकार उन तमाम मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास करती है, जिससे  आने वाले समय में लोकतंत्र और राष्ट्र प्रभावित होंगे. यह एक ऐसा विषय है, जो हमारे राष्ट्र को मजबूत करेगा.

 कोविंद कमिटी ने मार्च में सौंपी थी रिपोर्ट

रामनाथ कोविंद समिति ने ये रिपोर्ट सरकार को  लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसी साल मार्च में सौंपा था. रिपोर्ट में ‘एक देश एक चुनाव’ से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है.इस कमिटी ने ये भी सुझाव दिया है कि रिपोर्ट को कैसे अमल में लाया जा सकता है. रिपोर्ट में ये कहा गया है कि देश भर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जा सकते हैं. बाद में इस चुनावों में स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल किया जा सकता है.

एक देश एक चुनाव को लेकर कोविंद कमिटी की सिफारिश  

प्रस्ताव पर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकसभा और राज्यों के लिए  होने वाले विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. इसके साथ ही चुनाव खत्म होने के अगले 100 दिनों के अंदर पूरे देश के स्थानीय निकायों के चुनाव भी कराये जा सकते हैं. कमिटी की ओर से इन सिफारिशों को लागू करने के लिए भी एक अलग कमिटी के गठन का सुझाव दिया गया है. कोविंद कमिटी का कहना है कि एस साथ चुनाव कराने से संसाधनों की बचत होगी. साथ ही चुनाव के दौरान होने वाली जटिल प्रक्रिया को भी आसान किया जा सकता है.

कोविंद कमिटी ने सुझाव दिया है कि एक देश एक चुनाव के फॉर्मूले को लागू करने के लिए कॉमन इलेक्टोरल रोल यानी मतदाता सूची तैयार किया जाए.

कांग्रेस ने किया विरोध कहा इस देश में ये व्यवहारिक नहीं

केंद्रीय कैबिनेट में एक राष्ट्र एक चुनाव का प्रस्ताव पास मंजूर होने के बाद कांग्रेस ने प्रतिक्रिया जताते हुए इसे अव्यवहारिक करार दिया है. कांग्रेस नेता के सी वेणु गोपाल ने कहा कि ये प्रस्ताव भारत जैसे विशाल देश में व्यवहारिक नहीं है.

AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी किया विरोध  

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये नहीं चलने वाला है.लोकतंत्र में जब जब जरुरत गी चुनाव कराने होंगे.खरगे ने कहा कि फैसले के साथ नहीं हैं. अगर हम चाहते है कि हमारा लोकतंत्र जीवीत रहे तो चुनाव आवश्यकतानुसार जब जह जरुरत होगी, कराने होंगे. खरगे ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव लोकतंत्र में काम नहीं कर सकता  है.

वहीं एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि  “मैंने लगातार एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध किया है,क्योंकि ये संघवाद के ढांचे को नष्ट करता है और लोकतंत्र को कमजोर करेगा, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है.

ओवैसी ने कहा कि मोदी और शाह को छोड़कर किसी के लिए भी चुनाव कोई समस्या नहीं हैं. उनको केवल इसलिए ये चुनाव एक साथ चाहिये क्योकि उनके चुनाव जीतने के लिए नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनावों में भी प्रचार करने की अनिवार्य आवश्यकता होती है.  इसका मतलब यह नहीं है कि हमें एक साथ सारे देशमें  चुनाव कराने की आवश्यकता है. समय समय पर होने वाले चुनाव लोकतांत्रिक जवाबदेही में सुधार करते हैं.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news