Wednesday, October 16, 2024

इंदौर ‘बल्लाकांड’ के आरोपी आकाश विजयवर्गीय बरी, स्पेशल कोर्ट ने आरोपों से किया मुक्त

Indore Bat Incident :  इंदौर  के बहुचर्चित बल्लाकांड में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजय वर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को आरोप से बरी कर दिया गया. ये मामला आकाश विजय वर्गीय के द्वारा नगर निगम के एक कर्मचारी को बल्ले से पिटाई को लेकर था. इस मामले में अभियोजन पक्ष को उस समय तगड़ा झटका लगा जब सोमवार को भाजपा के पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनके साथ जुड़े 10 लोगों को एमपी एमएल स्पेशल कोर्ट ने आरोपों से बरी कर दिया.  सांसदों और विधायकों से जुड़े मामले की सुनवाने करने वाली विशेष अदालत के अधिकारी देव कुमार ने मुख्य आरोपी आकाश विजयवर्गीय समेत 10 लोगों को आरोपों से मुक्त किया.

Indore Bat Incident में अभियोजन पक्ष साबित नहीं कर पाया आरोप

मामले  में फैसला होने के बाद बचाव पक्ष के वकील उदयप्रताप सिंह कुशवाह ने बताया कि अभियोजन पक्ष पूरे मामले में लगे आरोपों को अदालत में साबित नहीं कर पाया.सबूतों के अभाव में आकाश विजयवर्गीय और उनके साथ नौ अन्य लोगों को अदालत ने बरी कर दिया. इस मामले के एक आरोपी की हत्या हो चुकी है. एडवोकेट उदय सिंह ने बताया कि अभियोजन पक्ष घटना के वीडियो की प्रामाणिकता अदालत में साबित नहीं कर पाया. अदालत में खुद शिकायतकर्ता धीरेंद्र सिंह बायस और उनके 20 गवाह अपनी ही बात कोर्ट में साबित नहीं कर पाये.

शिकायतकर्ता ने कोर्ट में क्या बयान दिया ?

धीरेंद्र सिंह बायस ने अदालत में गवाही के दौरान कहा कि कथित घटना के दौरान चोट लगी थी. चोट दाहिने पैर में घुटने के नीचे आई थी. उन्होंने अदालत को बताया कि घटना के समय उन्हें ये चोट आई थी,लेकिन उस समय वो मोबाइल फोन पर बात करने में व्यस्त थे और उनका पूरा ध्यान इस मोबाईल फोन पर होने के कारण वो देख नहीं पाये औऱ उन्हें चोट लग गई.

क्या है आकाश विजय वर्गीय का बल्लाकांड

इंदौर से पूर्व विधायक रहे आकाश विजयवर्गीय केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. आकाश विजयवर्गीय पर 26 जून 2019 को नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से पीटने का आरोप लगा था. इस मामले में आकाश विजय वर्गीय समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. आकाश विजय वर्गीय पर संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था.आकाश विजयवर्गीय पर जो मामले दर्ज हुए थे वो ये थे….

धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला)

धारा 294 (गाली-गलौज)

धारा 323 (मारपीट)

धारा 506 (धमकाना)

धारा  147 (बलवा) और

धारा 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा)

घटना उस समय हुई थी जब आकाश विजयवर्गीय शहर के गंजी कम्पाउंड के एक मकान को ढहाने की मुहिम का विरोध कर रहे थे. राज्य में उस समय कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया और ड्यूटी पर तैनात अफसर को काम से रोकने के संगीन मामले में विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया,हलांकि कुछ समय के बाद ही उन्हें जमानत मिल गई थी.

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