Jharkhand Land Scam : झारखंड में कथित जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें भारतीय सेना की 4.55 एकड़ जमीन बेचने और और मनी लांड्रिंग के केस में एक आरोपी की हाईकोर्ट से मिली जमानत को चुनौती दी गई थी.
Jharkhand Land Scam : जमानत के विरुद्ध इडी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
झारखंड के कथित जमीन घोटाला मामले में भारतीय सेना की एक 4.55 एकड़ जमीन के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाने और उसे धोखे से बेचने का आरोप है. कथित तौर पर ये मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ा है और ईडी ने मुख्यमंत्री को इस मामले में घोटाले का आरोपी बनाया है. इसी मामले के सह आरोपी दीलीप घोष को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. ईडी ने दीलीप घोष जमानत के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी .
जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरने हुए थे गिरफ्तार
हेमंत सोरेन को इसी मामले में प्रवर्तन निदेशायल ने 31 जनवरी को सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था और 5 महीने जेल में रहने के बाद 28 जून को हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद उनकी रिहाई हुई. प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समय जमानत पर बाहर हैं.
ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा..
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस मामले के एक आरोपी दिलीप घोष को हाईकोर्ट के द्वारा 28 नवंबर 2023 को जमानत दिये जाने के मामले में कहा कि रांची हाईकोर्ट के आदेश को दूसरे सह-आरोपियों के मामले में मिसाल नहीं माना जाएगा. हम अपने आदेश में इस मामले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. मामले के गुण-दोष पर कोई राय दिये बिना ये यह स्पष्ट करते हैं कि हाईकोर्ट के निर्णय और आदेश को दूसरे सह-आरोपियों के मामले में मिसाल के तौर पर नहीं देखा जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जमानत मामले में उच्च न्यायलय की किसी भी टिप्पणी से निचली अदालत/विशेष अदालत में चल रही सुनवाई पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत को मुकदमा निबटाने के लिए काम में तेजी लाने का निर्देश दिया. अदालत ने जमीन घोटाले के सह आरोपी दीलीप घोष को लेकर कहा कि उनके खिलाफ आरोप पहले ही तय हो चुके हैं,अब मुकदमा भी शुरू होने वाला है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ईडी को ये स्वतंत्रता दी है कि यदि दीलीप घोष की तरफ से हाईकोर्ट द्वारा जमानत शर्तों का उल्लंघन होता है, या देरी करने की रणनीति अपनाई जाती है, तो वो अदालत से जमानत को रद्द करने की मांग कर सकते हैं. कोर्ट ने जमीन घोटाले के मामले में संबंधित जमीन की बिक्री को लेकर वित्तीय लेनदेन का पता लगाने के लिए दीलीप घोष के बैंक खातों का विवरण (स्टेटमेंट) मांगे हैं. प्रवर्त्न निदेशायल का दावा है कि भारतीय सेना की 4.55 एकड़ जमीन को फ्रर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर बेचा गया था, और इसमें अन्य सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सीधी भागदारी है.