Thursday, December 19, 2024

Buddha smriti stupa Vaishali : 300 करोड़ की लागत से बन रहे मंदिर के निर्माणकार्य का सीएम नीतीश कुमार ने लिया जायजा, कार्य प्रगति के लिए की समीक्षा बैठक

Buddha smriti stupa Vaishali :बिहार के वैशाली में बन रहे बुद्धा भव्य सम्यक दर्शन संग्रहालय/बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य का आज सीएम नीतीश कुमार ने जायजा लिया.ये संग्रहालय एक मंदिर होगा,जिसमें भगवान बुद्ध से जुड़ी चीजें रखी जायेंगी. सीएम नीतीश कुमार ने आज निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन-सह-बुद्ध स्मृति स्तूप के निरीक्षण के बाद  निर्माण कार्य को  तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया.मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्तूप के भू-तल एवं प्रथम तल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य की जानकारी ली. उन्होंने पुस्तकालय एवं ध्यान कक्ष का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी दी.

Buddha smriti stupa Vaishali
Buddha smriti stupa Vaishali

Buddha smriti stupa का निर्माणकार्य अंतिम चरण में 

वैशाली में बन रहा ये बुद्धा भव्य सम्यक दर्शन संग्रहालय/बुद्ध स्मृति स्तूप सीएम नीतीश कुमार का खास प्रोजेक्ट है.इसका निर्माण 20 फरवरी 2019 से चल रहा है. 72 एकड़ क्षेत्र में बन रहा ये स्तूफ संग्रहालय विशाल और भव्य होने वाला है. इस विशाल  संग्रहालय में भगवान बुद्ध की अस्थियां और अब तक भगवान बुद्ध से संबंधित जितनी चीजें खुदाई में मिली हैं, उन्हें यहां  संरक्षित किया जायेगा.

Buddha smriti stupa Vaishali
Buddha smriti stupa Vaishali

बुद्ध के अस्थि कलश को रखा जाएगा

इस संग्रहालय में भगवान बुद्ध के उस अस्थि कल कलश को भी रखा जायेगा, जो भगावन का परिनिर्वाण के समय वैशाली में था. भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के समय उनके अस्थि को 8 हिस्सों में बांटा गया था, जिसमें एक हिस्सा वैशाली में रखा गया था. उसी अस्थि कलश को इस बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के मुख्य मंदिर में रखा जाएगा.

Buddha smriti stupa Vaishali
Buddha smriti stupa Vaishali

इस संग्रहालय में भगवान बुद्द का एक मुख्य मंदिर बन रहा है, इसके साथ ही मेडिटेशन सेटर, मीटिंग हाल , अतिथिशाला समेत कई और चीजें भी बन रही हैं. इस मंदर का निर्माण कार्य पूरे जोर शोर से चल रहा है. सीएम नीतीश कुमार ने इस भव्य मंदिर-संग्रहालयल के निर्माण कार्य को लेकर आज एक समीक्षा बैठक भी. बैठक के दौरान सीएम को  योजना के मुख्य अवयवों- बुद्ध स्तूप (पत्थर की संरचना), संग्रहालय ब्लॉक, पुस्तकालय एवं ध्यान कक्ष, आगंतुक केंद्र, अतिथि गृह, प्रदर्श योजना आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई. सीएम को बताया गया कि निर्माण कार्य का  लगभग 80 प्रतिशत काम  पूरा हो चुका है और बचा हुआ काम दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा.

Buddha Memorial Stupa Vaishali Review Meeting
Buddha Memorial Stupa Vaishali Review Meeting

300 करोड़ से अधिक का लागत

बुद्धा भव्य सम्यक दर्शन संग्रहालय/बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण का निर्माण कार्य लगभग 5 वर्षों से चल रहा है और इसकी निर्माण पर  लगभग 300 करोड़ से अधिक की लागत लगी है. भगवान बुद्ध का ये मंदिर-संग्रहालय पूरी दुनिया अपने तरह का सबसे बड़ा मंदिर-संग्रहालय होगा, जो आने वाले समय में बौद्ध धर्मालंबियों के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी बिहार में पर्यटन का  एक मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यहां हमेशा आते रहते हैं और यहां के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते रहते हैं. योजना के अनुरूप कार्य जल्द-से-जल्द पूर्ण करें. परिसर में वृक्षारोपण भी कराएं. यहां अच्छे ढंग से वाटर बॉडी का भी निर्माण कराएं. साथ ही परिसर के अंदर भी रास्ते का निर्माण ठीक से कराएं. उन्होंने कहा कि आवागमन को भी बेहतर किया जा रहा है ताकि आसानी से और कम समय में पर्यटक यहां पर पहुंच सकें. अधिक से अधिक संख्या में पर्यटकों के आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

Buddha smriti stupa Vaishali
Buddha smriti stupa Vaishali

इस मंदिर सह संग्रहालय का निर्माण जितनी भव्यता के साथ कराया जा रहा है , माना जा रहा है कि ये आने वाले समय मे बौद्ध धर्मालंबियों के लिए उनका मक्का होगा.  सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वैशाली ऐतिहासिक और पौराणिक जगह है. भगवान बुद्ध के जितने भी अस्थि कलश मिले हैं, उसमें वैशाली में मिला अस्थि कलश सबसे प्रामाणिक है. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-बुद्ध स्मृति स्तूप के बन जाने के बाद यहां बौद्ध भिक्षु के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक भी आएंगे. बोधगया और राजगीर आनेवाले श्रद्धालु भी यहां आएंगे. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को यहां दर्शाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले वैशालीगढ़ की क्या स्थिति थी और बाद में हमने इसको विकसित करने को लेकर जो योजना बनाई, उसके तहत जो कार्य किए गए हैं उसकी भी विवरणी को भी यहां दर्शाएं. इससे लोग जान सकेंगे कि इस ऐतिहासिक धरोहर को विकसित करने के लिए कितने कार्य किए गए हैं.

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