Thursday, November 7, 2024

Mathura Krishna Janmabhoomi : मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में कोर्ट का अहम फैसला,मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

Mathura Krishna Janmabhoomi :  मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज करने की मांग की गई थी. हिंदु पक्ष की तऱफ से  18  याचिकाएं दाखिल की गई हैं. हिंदू पक्ष ने अपनी याचिकाओं में कृष्ण जन्मभूमि परिसर में पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की है.

Mathura Krishna Janmabhoomi केस में हिंदु पक्ष का दावा 

हिंदुपक्ष ने शाही ईदगाह के मामले में दायर अपनी याचिका दावा किया है कि इदगाह की जमीन हिंदु पक्ष की है. इसे हिंदु पक्ष को वापस किया जाये,साथ ही इस परिसर में हिंदुओं को पूजा का अधिकार दिया जाये. हिंदु पक्ष की तऱफ से कृष्णजन्म भूमि और शाही ईदगाह मामले में 18 याचिकाएं अदालत में दाखिल हैं.

मुस्लिम पक्ष की याचिका में दलील

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाद को लेकर हिंदु पक्ष ने जो याचिका दायर की है उसके जवाब में मुस्लिम पक्ष ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) , वक्फ एक्ट (Wakf Act), लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ  एक्ट (Limitation Act and Specific Possession Relief Act) का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की सभी याचिकाओं को रद्द करने की मांग की थी,लेकिन हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि अब हाइकोर्ट में हिंदू पक्ष की सभी 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो सकती है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच में हुआ फैसला

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आर्डर 7 रूल 11 की आपत्ति वाली अर्जी खारिज कर दी. इसमें  मुस्लिम पक्ष ने याचिकाओं की पोषणीयता (Maintainability of Petitions) को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद ये माना जा रहा है कि अब हिंदू पक्ष की सभी 18 याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी.

शाही ईदगाह को लेकर हिंदु पक्ष की दलील

  1. शाही ईदगाह जिस जगह पर बना है वो पूरा ढाई एकड़ का क्षेत्र भगवान कृष्ण के जन्म का गर्भगृह है.

2.जिस शाही इदगाह पर मुस्लिम पक्ष दावा ठोक रहा है, उस एरिया का कोई भूमि का रिकॉर्ड मस्जिद कमेटी के पास नहीं है.

  1. सीपीसी का आदेश-7 और नियम-11 इस मामले में दाखिल याचिका पर लागू नहीं होता है.
  2. मुसलमानों ने श्रीकृष्ण के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का अवैध रुप से निर्माण किया है.
  3. श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन के मालिक कटरा केशव देव हैं.
  4. बिना किसी मालिकाना हक के वक्फ बोर्ड ने कानूनी प्रक्रिया को पालन किये बिना इस जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित किया है.
  5. शाही ईदगाह का भवन पुरातत्व विभाग से संरक्षित क्षेत्र है, ऐसे में यहां उपासना स्थल अधिनियम लागू नहीं होता है.
  6. पुरातत्व विभाग (ASI) ने इसे नजूल जमीन माना है, इसले इसे वक्फ की संपत्ति नहीं माना जा सकता है
हिंदु पक्ष के विरोध में मुस्लिम पक्ष की याचिका
  1. मुस्लिम पक्षकारों ने शाही इदगाह मामले में कोर्ट में ने दलील दी कि विवादित भूमि को लेकर दोनों पक्षों के बीच 1968 में समझौता हुआ था, 60 साल बाद उस समझौते को गलत बताना ठीक नहीं है. इसलिए ये मुकदमा चलने के योग्य नहीं है.
  2. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 यानी उपासना स्थल कानून के तहत भी ये मुकदमा सुनवाई लायक नहीं है.
  3. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के अंतर्गत ये प्रावधान हुआ था कि 15 अगस्त 1947 के बाद जिस धार्मिक स्थल की पहचान और प्रकृति जैसी है, उसे बदला नहीं जायेगा.
  4. मुस्लिम पक्ष ने दलील दी कि लिमिटेशन एक्ट और वक्फ कानून के तहत भी मामले को देखा जाए.
  5. मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि विवाद की सुनवाई वक्फ ट्रिब्यूनल में हो, ये सिविल कोर्ट में सुने जाने वाला मामला नहीं है.
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