बुधवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwalकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट में दिल्ली के सीएम ने चिकित्सा कारणों से सात दिन की जमानत देने की मांग की थी. फिलहाल अरविंद केजरीवाल 2 जून से अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
19 जून तक बढ़ाई Arvind Kejriwal की हिरासत
जमानत से इनकार के साथ ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 19 जून तक बढ़ा दी. आज दिल्ली के सीएम को वर्चुअली कोर्ट में पेश किया गया था.
हलांकि अदालत ने जेल अधिकारियों को आम आदमी पार्टी प्रमुख की आवश्यक चिकित्सा जांच कराने का भी निर्देश दिया है.
आपको बता दें आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 जून को अदालत में डिफॉल्ट जमानत की मांग करने वाली अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई होनी है.
2 जून को चुनाव प्रचार के बाद केजरीवाल वापस जेल गए थे
केजरीवाल को 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि इस दौरान केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे.
उन्हें आम चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के एक दिन बाद 2 जून को आत्मसमर्पण करना को कहा गया था. जिसका पालन करते हुए केजरीवाल जेल चले गए थे.
हलांकि इस बीच उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से 7 दिन अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी. केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें गंभीर बीमारी के लक्षणों के चलते कुछ जरूरी टेस्ट कराने की डॉक्टरों ने सलाह दी है. लेकिन कोर्ट ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया था.
ईडी ने केजरीवाल, आम आदमी पार्टी को बनाया आरोपी
इससे पहले 17 मई को शराब नीति घोटाले मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्टशीट दायर कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ अब उनकी पार्टी आप को भी आरोपी बनाया है. जिसके बाद आम आदमी पार्टी किसी आरोप पत्र में आरोपी के रूप में शामिल की जाने वाली पहल राजनीतिक पार्टी बन गई है.
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि, “अकाट्य सबूतों के आधार पर एक विस्तृत अभियोजन शिकायत (या आरोप पत्र) दायर किया गया है, जो दर्शाता है कि केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिन्होंने दिल्ली के सीएम के रूप में अपने पद का इस्तेमाल ‘कंपनी’ यानी AAP द्वारा पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम) की धारा 4 के तहत दंडनीय मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध को सुविधाजनक बनाने के लिए किया.”
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