लोकसभा चुनाव 2024 के पहले और दूसरे चरण के मतदान डाटा के 11 और 4 दिन बाद जारी होने को लेकर हुए विवाद के बाद मंगलवार (7 मई) मतदान खत्म होने के चंद घंटों बाद चुनाव आयोग ने तीसरे चरण Third Phase polling का डाटा जारी कर दिया. इस डाटा के मुताबिक तीसरे चरण में कुल मतदान प्रतिशत लगभग 64.40 दर्ज किया गया.
Third Phase polling-असम में सबसे ज्यादा तो यूपी में पड़े सबसे कम पड़े वोट
केंद्रीय चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में कल रात 11.40 बजे तक लगभग 64.40% मतदान दर्ज किया गया. इस डाटा के मुताबिक, असम 81.61% बिहार 58.18% छत्तीसगढ़ 71.06% दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव 69.87% गोवा 75.20% गुजरात 58.98% कर्नाटक 70.41% मध्य प्रदेश 66.05% महाराष्ट्र 61.44% उत्तर प्रदेश 57.34% पश्चिम बंगाल 75.79% मतदान हुआ है
पहले और दूसरे चरण में मतदान के डाटा को लेकर क्या हुआ था विवाद
असल में लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण 19 अप्रैल और दूसरे चरण 26 अप्रैल के मतदान का डाटा चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल शाम को जारी किया. 30 अप्रैल को दी गई जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. ये डाटा शुरुआती डाटा से 6 प्रतिशत ज्यादा था. जिसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा.
नेताओं ने जताई हेरा फेरी की आशंका
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने एक्स पर लिखए अपने पोस्ट में कहा था कि, “ये बहुत परेशान करने वाली बात है. नतीजों में हेरफेर पर गंभीर आशंकाएं पैदा करता है. ईसीआई ने पहले दो चरणों के अंतिम मतदान आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है. केवल अनुमानित मतदान प्रतिशत ही सामने रखे गए हैं. किसी संसदीय क्षेत्र में पंजीकृत कुल मतदाता ईसीआई वेबसाइट पर नहीं हैं. इसलिए घोषित प्रतिशत निरर्थक और भ्रामक हैं. यह संख्याओं को गढ़कर परिणामों में हेरफेर करने के कई दरवाजे खोलता है. 2014 तक ऐसा डेटा आसानी से उपलब्ध था. मतदाताओं का विश्वास बहाल करने के लिए ईसीआई को यह डेटा तुरंत जारी करना चाहिए.”
वहीं टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने एक्स पर लिखा था, “महत्वपूर्ण. चरण 2 समाप्त होने के चार दिन बाद, चुनाव आयोग ने अंतिम मतदान के आंकड़े जारी किए. चुनाव आयोग ने 4 दिन पहले जो आंकड़े जारी किए थे, उससे 5.75% की बढ़ोतरी (मतदान में उछाल)! क्या यह सामान्य है? मैं यहां क्या खो रहा हूं?”
इसी तरह कांग्रेस ने भी डाटा जारी होने से पहले ही डाटा नहीं दिए जाने को लेकर आशंका जताई थी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘भारत के चुनाव आयोग के लिए चुनाव संबंधी सभी आंकड़ों का समय पर और पारदर्शी होना जरूरी है.’
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