रायपुर :Kanker Encounter : देश में शुरु हो रहे आम चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में अब महज दो दिन का समय बचा है. मतदान शुरु होने से पहले छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रखा है. इस अभियान के तहत मंगलवार को कांकेर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ा एनकाउंटर हुआ, जिसमें बताया जा रहा है कि कई हार्डकोर नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. बताया जा रहा है कि इस एनकाउंटर में कमांडर शंकर राव समेत 29 नक्सलियों की मौत हो चुकी है. सुरक्षाबलों ने अब तक 29 शव जंगल से निकाले हैं.ये एनकाउंटर कांकेर के मांड़ इलाके में हुआ. इस ऑपरेशन के दौरान तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं. घायल जवानों को जंगल से निकालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भेजे गये है.
Kanker Encounter के बारे में छत्तीसगढ़ पुलिस ने क्या कहा?
छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक प्रेस वार्ता के करते पत्रकारों के एनकाउंटर के बारे मे जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक बीएसएफ और डीआरडी की टीम ने संयुक्त रुप से 16 अप्रैल को कांकेर के बीना गुंडा में नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरु किया तभी बीएसएफ आप्स की टीम पर सीपीईएम कैडर के लोगों ने फायरिंग की .जवाब में बीएसएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान बीएसएपफ के एक जवान के पैर में गोली लगी. वहीं दो जवान भी घायल हो गये. सर्च अभियान के तहत सुरक्षा बलो को मांड के जंगल से 7 AK-47 राइफल और 3 लाइट मशीनगन बरामद हुआ है. वहीं सुरक्षाबल शवों को निकालने में लगे हैं. वहीं बताया जा रहा है कि जंगल से भारी संख्या में ऑटोमेटिक राइफल्स भी बरामद हुई हैं.
कांकेर में दूसरे चरण में होने हैं मतदान
लोकसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया का पहला चरण 19 अप्रैल से शुरु हो रहा है. बस्तर में 19 अप्रैल को पहले ही चरण में मतदान होंगे. वहीं कांकेर में दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को मतदान होंगे.
ये भी पढ़े:- Hema Malini पर बयान देकर फंसे रणदीप सुरजेवाला, चुनाव प्रचार पर लगा बैन
14 जिलों में नक्सल सक्रिय, 1 साल में 350 से अधिक हमले
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों को लेकर गृहमंत्रालय बेहद सख्त हैं. गृहमंत्रालय के डाटा के मुताबिक राज्य के 33 जिलों में से 14 जिले ऐसे हैं, जो नक्सल से आंशिक और कोई पूरी तरह से प्रभावित हैं. इसमें से कुछ जिले तो नक्सलियो के गढ़ बन चुके हैं. राज्य के बस्तर, बलरामपुर, बीजापुर, धमतरी, दंतेवाड़ा, कांकेर, गरियाबंद, कोंडागांव, नारायणपुर, महाससमुंद, सुकमा , राजनंदगांव, मुगेली और कबीरधाम नक्सल प्रभावित जिलों में गिने जाते हैं. गृहमंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले काफी समय से राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के बावजूद हमलों मे कमीं नही आ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में राज्य में हर साल करीब 350 नक्सली हमले हुए जिसमें औसतन 45 जवान शहीद हुए हैं .