Thursday, November 21, 2024

Elon Musk : इलॉन मस्क के भारत दौरे से चिढ़ा चीन, जानिये ग्लोबल टाइम्स ने क्या लिखा ?

नई दिल्ली : विश्व के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक इलॉन मस्क Elon Musk जल्द ही भारत आने वाले है. स्पेसेक्स , टेस्ला और ट्वीटर के मालिक एलॉन मस्क ने जब से भारत आने की बात कही है, तब से भारत के पड़ोसियों की नींद उड़ी हुई है.

Elon Musk के भारत दौरे को लेकर चीन में प्रोपगैंडा

खास कर चीन में एलॉन मस्क के भारत दौरे पर जमकर बात हो रही है. यहां तक की चीनी सरकारी मीडिया भारत के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाने में जुट गया है. जानकारी के मुताबिक एलॉन मस्क भारत दौरे के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे और भारत में अरबो रुपये के निवेश प्रस्ताव पर भी बात हो सकती है. मस्क के भारत दौरे को लेकर चीन को यही बात अखर रही है खासकर चीन को इलेक्ट्रिक कार के बाजार में बादशाहत बनाने में भारत रोड़े का तरह लग रह है.यही बात चीन को बर्दाश्त नहीं हो पा रही है.

इलॉन मस्क भारत में लगायेंगे टेस्ला की फैक्ट्री !

एलॉन मस्क के भारत आने को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं कि मस्क की इलेक्ट्रानिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला भारत में अपना काम शुरु कर सकती है. इन खबरों के बाद चीन में भारत को लेकर एक अलग ही तरह से प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा है. चीन के सरकारी न्यूज नेटवर्क ग्लोबल टाइम्स पर लगातार वहां के एक्सपर्ट भारत को लेकर उल्टी सीधी टिप्पणियां कर रहे हैं. ग्लोबल टाईम्स पर ये दावा किया जा रहा है कि टेस्ला को भारत जाकर कोई फायदा नहीं होगा.

टेस्ला के भारत आने से चीन को क्या परेशानी ?  

दरअसल टेस्ला के भारत में निवेश करने की खबरों से चीन में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इस समय चीन इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में दुनिया का सबसे बड़ा उत्पाद देश हैं. चीन को इलेक्ट्रोनिक कारों के बाजार में स्थापित करने में टेस्ला का बड़ा योगदान रहा है. चीन को अब डर है कि अगर एलॉन मस्क ने भारत के साथ इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन के लिए हाथ मिला लिया तो उसके एकाधिकार का क्या होगा. दुनिया भर में इलॉन मस्क के भारत दौरे को लेकर ये कयास लगाये जा रहे हैं कि मस्क भारत में  कुछ बड़ा ऐलान करने वाले हैं.

चीन में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण

चीन में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए बैटरी और इंजन पर साल 2001 में रिसर्च शुरु हुआ, लेकिन 15 साल तक रिसर्च के बावजूद चीन इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन में अमेरिका से पीछे रहा. साल 2019 में एलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला ने चीन में अपना मैनिफैक्चरिंग यूनिट खोला और चीन की कुछ कंपनियों के मिलाकर कारों का प्रोडक्शन शुरु किया. टेस्ला के चीन में आने के बाद प्रोडक्शन में तीन गुणा उछाल आया. 2021 में चीन में केवल 13 लाख इलेक्ट्रिक वाहन थे , जो 2023 में बढ़कर 68 लाख तक पहुंच गया.

टेस्ला के साथ काम करने से चीनी कंपनियों को हुआ फायदा

असल में टेस्ला के चीन में आने के बाद यहां की लोकल कंपनियों का बड़ा फायदा हुआ. टेस्ला टेक्नॉलाजी के साथ आया और यहां की कंपनियों के साथ मिलकर काम किया.इससे चीन की कंपनियों को सीधे अमेरिकी तकनीक का फायदा मिला. अब चीन के पास तकनीक है और वो इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण में पीछे नहीं जाना चाहता है. चीन को ये डर है कि भारत उसे टक्कर दे सकता है. यही काऱण है कि चीन का सरकारी मीडिया  भारत के खिलाफ प्रोपगेडा फैलाने में बढ चढ़कर हिस्सा ले रहा है, ताकि किसी तरह से एलॉन मस्क का भारत आना टल जाये. चीन का सरकारी मीडिया भारत के खिलाफ तरह तरह के झूठे प्रचार करने में लगा है.

 इलेक्ट्रिक कार बाजार में चीन का एकाधिकार

चीनी कंपनी इलेक्ट्रिक कार के बाजार में टेस्ला को पीछे छोड़ने की तैयारी में है. बता दें कि अमेरिका में 2016 तक चीन से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें मौजूद थी लेकिन अब इस रेस मे चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है. चीन की कंपनी BYD दुनिया में टेस्ला के बाद इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. चीन का दावा है कि ये कंपनी जल्द ही दुनिया की सबसे बडी इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी होगी. चीन के पास इस समय इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए बैटरी बनाने की करीब 95 प्रतिशत क्षमता अकेले चीन के पास है.

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