Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से चुनावी बॉन्ड का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चला कि SBI इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने के मामले में सबसे टॉप पर रहे ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ रही है. ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ ने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK को सबसे अधिक 509 करोड़ रुपये दान दिए थे. वहीं, चुनावी बॉन्ड के लाभार्थियों में TMC और बिहार का सत्ताधारी दल JDU भी शामिल है. हालांकि इन दोनों पार्टियों ने दलील दी है कि कोई उनके पार्टी ऑफिस में सीलबंद लिफाफे दे गया था, जिसके अंदर इलेक्टोरल बॉन्ड्स थे और इसलिए वे इस बात से अंजान थे कि यह दान किसने दिया है.

‘BJP और JDU की खुल गयी पोल’- तिवारी
इसी बीच, जेडीयू को 10 करोड रुपए का बॉन्ड अनजान तरीके से मिलने पर आरजेडी ने निशाना साधा हैं. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जेडीयू पर हमला बोलते हुए कहा कि, SBI इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले में बीजेपी सरकार तो कटघरे में है ही अब साथ में जेडीयू उनकी सहयोगी भी कटघरे में हैं. जेडीयू द्वारा कोर्ट में जो हलफनामा दिया गया हैं उसमें जेडीयू ने कहा है कि 10 करोड़ रूपये लिफाफे में आकर कोई दे गया. इसलिए अब सवाल तो उठेंगे इतना ही नहीं, मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि बीजेपी ने सबसे ज्यादा घोटाला किया है और उसका लाभ अपने सहयोगी दलों को भी पहुंचाया हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू का पोल अब खुल गया है.
RJD के आरोप पर जेडीयू का पलटवार
इसी बीच, आरजेडी के आरोप पर जेडीयू ने पलटवार किया हैं. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आंख खोलकर पढ़े. सुप्रीम कोर्ट ने जो भी डाटा मांगा था, वह सार्वजनिक है. साल 2019-20 में चुनावी चंदे की जानकारी आरजेडी ने गलत बताई थी. ADR को आरजेडी ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक उसे 2 करोड़ 50 लाख रुपए मिले, लेकिन इसी अवधि में SBI से मिले डाटा के मुताबिक आरजेडी को 4 करोड़ 50 लाख रुपए मिले. तो आरजेडी किस पर सवाल उठा रही है.