लखनऊ : प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार लोकसभा में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस पर तंज करने के लिए भोजपुरी की एक लोकोक्ति का प्रयोग किया था- ना खेलब ना खेले देब, खेल बिगाड़ब…. इस समय यही कहावत यूपी में चरितार्थ होता दिख रहा है. बसपा सुप्रीमो Mayawati ने ऐसा खेल शुरु क्या है कि अखिलेश यादव की मुश्किलें बढती दिखाई दे रही हैं.
Mayawati विपक्ष में रहने के बावजूद इंडिया एलायंस से दूर
बीएसपी सुप्रीमो मायावती Mayawati विपक्ष में रहने के बावजूद विपक्षी गठबंधन इंडिया एलांयस से बाहर है. उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. पिछले तीन चार दिन में उन्होने 5 सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया है, इनमें से चार मुस्लिम कैंडिडेट हैं.
मुस्लिम वोटों पर रहती है सपा की नजर
हर चुनाव में ऐसा ही होता है कि मुस्लिम वोट एकमुश्त बीजेपी के खिलाफ पड़ते हैं और इसका फायदा आमतौर पर सपा या बसपा को होता है. इसीलिये जिन सीटों पर बसपा मुस्लिम उम्मीदवार को उतार रही है, वहां सीधा नुकसान सपा को ही होने वाला है.पिछल दिनों इसका एक बड़ा उदाहरण आजमगढ़ लोकसभा चुनाव के दौरान देखने के लिए मिला था. यहां बीजेपी ने सपा को केवल डेढ़ लाख वोटों से हाराया था वहीं बसपा को ढ़ाई लाख वोट मिले थे.
यूपी विधानसभा चुनाव में भी सपा हुआ था नुकसान
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी बसपा की यही रणनीति देखने के लिए मिली थी. बसपा ने 403 सीटों मे से भले ही केवल एक सीट जीता हो लेकिन सपा के वोट काटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.इस बार लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही कुछ होता दिखाई दे रहा है. बसपा जिस तरह से मुस्लिम उम्मीदवारों को उतार रही है, वहां मुकाबला सीधे त्रिकोणीय होगा और इसका नुकसान सपा को होगा, क्योंकि उनके वोट कटेंगे औऱ ऐसे में बीजेपी की जीत लगभग सुनिश्चित हो जायेगी.
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बसपा ने 5 में 4 सीट पर उतारे मुस्लिम कैडिडेट
मायावती की बहुजन समाजपार्टी ने कन्नौज से सपा के पूर्व नेता अकील अहमद को उतारा है, वहीं पीलीभीत से पूर्व मंत्री अनील अहमद खा उर्फ फूल बाबू को उम्मीदवार बनाया है, मुरादाबाद से इरफान सैफी और अमरोहा से मुजाहिद हुसैन को मैदान में उतारा है. ये सभी सीटें सपा समर्थक बहुल मानी जाती है.मायावती की इसी रणनीति को लेकर जानकार ये कह रहे है कि ये तो ना खेलब ना खेले देब की नीति है. मायावती ने ने उत्तर प्रदेश के सभी 80 सीटों के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट तय कर ली है और हर इलाके मे मंडल प्रभारी को ये लिस्ट दे भी दी गई है. माना जा रहा है कि 15 मार्च को कांशीराम की जयंती के अवसर पर इनको लोकसभा चुनाव प्रभारी बना दिया जायेगा और चुनाव की तैयारियों में लगा दिया जायेगा. बताया जा रहा है कि पहले चरण में प्रभारी बनाये जायेंगे और दूसरे चरण में उम्मीदवारों के नाम की सूचि जारी की जायेगी.