Friday, November 22, 2024

Jayant Choudhary NDA : बंगाल,बिहार,महारष्ट्र के बाद यूपी में इंडिया गठबंधन को झटका, RLD नेता अजीत सिंह ने किया बीजेपी से समझौता !

नई दिल्ली : आम चुनाव 2024 में उतरने से पहले बीजेपी ही बीजेपी ने तीसरी बार सत्ता का समीकऱण लगभग अपनी तरफ कर लिया है. जिन जिन जगहों पर गठबंधन कर विपक्षी गठबंधन मजबूत होने का दावा ठोक रहे थे, लगभग हर उस जगह पर कहा जाये तो बीजेपी ने अपने लिए दरवाजे और और खिंड़किया सब खोल लिए हैं. चारो तरफ से सीटों का समीकऱण एनडीए के कुनबे की ओर आता दिख रहा है. ताजा खबर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से Jayant Choudhary की है. अब बीजेपी ने Jayant Choudhary को दिया है NDA में शामिल होने का ऑफर

Jayant Choudhary का NDA में जाना लगभग तय,मिला 4 सीट का ऑफर

हाल ही में बिहार, फिर बंगाल, फिर झारखंड, महाराष्ट्र और अब उत्तर प्रदेश  में भी  इंडिया गठबंधन को झटक लग सकता है .अब यूपी में भी इंडिया गठबंधन के एक बड़े साथी का छिटककर एनडीए में जाना लगभग तय हो गया है. खबर है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक छत्रराज करने वाली अजीत सिंह की पार्टी और अब चौधरी जयंत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल यानी RLD भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार है..बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में  राष्ट्रीय लोकदल को  4 सीटें देने का ऑफर दिया है,जिसपर सहमति भी बन गई है. यानी अब बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद यूपी में भी अखिलेश – जयंत चौधरी की जोड़ी टूटने की कगार पर है.

 बीजेपी ने दिया जयंत चौधरी को चार सीट का ऑफर 

सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी ने यूपी में जयंत चौधरी के सामने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 4 सीटें कैराना, बागपत,मथुरा और अमरोहा की सीट ऑफर कर दी है. सूत्रों की माने तो दोनों के बीच समझौता लगभग तय है. बस ऐलान होना बाकी है. ऐसे में अब पश्चिनी उत्तर प्रदेश में भी इंडिया गठबंधन की स्थिति नाजुक है.

लखनऊ में मिले थे अखिलेश और जयंत,पर नहीं बनी बात  

हाल ही में जयंत चौधरी और अखिलेश य़ादव के बीच लखनऊ में मुलाकात हुई, जिसमें सपा ने आरएलडी को 7 सीटें देने का ऑफर दिया था. समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के सामने जो प्रस्ताव रखा उसके मुताबिक मुजफ्फरनगर, कैराना , मथुरा और हाथरस पर सहमति बन गई थी ,लेकिन बिजनौर समेत एक और सीट पर पेंच फंसा हुआ है.

आरएलडी के सिंबल पर लड़ें सपा कैंडिडेट- अखिलेश यादव  

अखिलेश जयंत की मुलाकात के बाद  लखनऊ से एक खबर ये भी आई कि अखिलेश यादव चाहते थे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा के उम्मीदवार आरएलडी के चिन्ह पर चुनाव लड़ें,जिसपर जयंत चौधरी राजी नहीं हुए और दोनो के बीच सीटों के लेकर कोई तालमेल नहीं हो पाया है. उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनजर सीट पर अखिलेश यादव जिस सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक को आरएलडी के सिंबल पर लड़ाना चाहते हैं ,उसे लेकर  मुजफ्फरनगर में  टकराव की स्थिति है.इसका कराण पुरानी अदावत है. आरएलडी के लोगो का कहना है कि हरेंद्र मलिक जब कांग्रेस में थे तब चौधरी परिवार के साथ उनकी अदावत थी तो ऐसे में उसे यहां उम्मीदवार कैसे बनाया जा सकता है.जबकि मुजफ्पनगर सीट चौधरी परिवार का गढ़ माना जाता है.

उत्तर प्रदेश में 2018 में सपा और आरएलडी आये थे साथ

उत्तर प्रदेश में सपा और आरएलडी का गठबंधन 2018 के लोक सभा उपचुनाव क समय से है. 2018 में सपा ने अपनी उम्मीदवार तबस्सुम हसन को आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़ाया था और तबस्सुम हसन की जबर्दस्त जीत हुई थी.  2019 का चुनाव भी सपा -आरएलडी ने साथ साथ लड़ा. 2019 में सपा ने आरएलडी को 3 सीटे दी थी और तीनों सीट पर आरएलडी हार गई थी.2019 में सपा को पांच और बीएसपी को दस सीट मिली थी.2022 का विधानसभा चुनाव भी समाजवादी पार्टी ने आरएलडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने आरएलडी को 33 सीटें दी थी, इसमें आरएलडी ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी..

इंडिया गठबंधन में सबकी अपनी डफली अपना राग  

दरअसल पिछले काफी समय से विपक्षी गठबंधन सीट शेयरिंग की बात तो कर रहा है लेकिन किसी ने भी सीट के बंटबारे को लेकर  एकसाथ मिलकर कोई प्रयास नही किया अलबत्ता कांग्रेस से लेकर टीएमसी,  सपा  औऱ आम आदमी पार्टी ने अपनी अपनी ताकत दिखाते हुए चुनावों की तैयारियां शुरु करते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस जहां 300सीटं पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, वहीं टीएमसी ने बंगाल मे अकेले चुनव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पंजाब में आमआदमी पार्टी ने अकेले लड़ने का आलान कर दिया.

महाराष्ट्र में भी इंडिया गठबंधन का लगा झटका

महारष्ट्र मे शिव सेना  के बाद अब एनसीपी में शरद पवार को झटका लगा है . चुनाव आयोग ने अजीत पवार की एनसीपी को ही वास्तविक एनसीपी  की मान्यता दे दी है. यानी जिस पार्टी को शरद पवार ने खड़ा किया,उसके सही उत्तराधिकारी अब भतीजे अजीत पवार बन गये. चुनाव आयोग ने अजीत पवार की एनसीपी को वास्तविक एनसीपी का दर्जा दे दिया है.

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