सोमवार को जहां पूरा देश अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के चलते राममय हो गया. वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को कांग्रेस को असम के हैबोरागांव में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में जाने की अनुमति नहीं देने से पूजा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बहस छिड़ गई है.
महिला कांग्रेस ने दिया धरना, राहुल भी हुए शामिल
सोमवार सुबह राहुल गांधी जब श्री श्री शंकरदेव सत्र में दर्शन के लिए पहुंचे को उन्हें पुलिस ने मंदिर में दर्शन करने नहीं जाने दिया. इससे नाराज़ राहुल वहीं धरने पर बैठ गए. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई बड़े नेता और इलाके से सांसद गौरव गोगोई भी मौजूद थे.
आज राहुल गांधी जी श्री श्री शंकरदेव सत्र में दर्शन के लिए जाने वाले थे।
लेकिन, डरी और घबराई हुई हिमंता सरकार ने उन्हें दर्शन करने से रोक दिया।
देखिए, असम से पूरी ग्राउंड रिपोर्ट 👇🏼 pic.twitter.com/s9f3iuZ9vx
— Congress (@INCIndia) January 22, 2024
गौरव गोगोई ने किए मंदिर में दर्शन
काफी बहस और विवाद के बाद पुलिस ने राहुल गांधी को तो मंदिर में नहीं जाने दिया पर उनके प्रतिनिधि के तौर पर गौरव गोगोई मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. इसके बाद गौरव ने एक पोस्ट एक्स पर साझा किया जिसमें लिखा, “श्री राहुल गांधी की ओर से मैंने संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा किया। पुलिस ने कानून-व्यवस्था और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देकर राहुल गांधी को बताद्रवा थान जाने की अनुमति नहीं दी। सच्चाई इसके उलट है क्योंकि कोई कार्यक्रम ही नहीं हो रहा था.”
On behalf of Shri Rahul Gandhi I visited the birthplace of Saint Srimanta Sankardeva. Rahul Gandhi was denied permission to visit Batadrava Than by the police citing law&order and pre scheduled program. The fact is the opposite because there was no program taking place. pic.twitter.com/zcF30bMhD4
— Gaurav Gogoi (@GauravGogoiAsm) January 22, 2024
मुझे जब भी मौक़ा मिलेगा, मैं जाऊंगा-राहुल गांधी
मंदिर में दर्शन करने जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा, “श्री श्री शंकरदेव जी ने असम की सोच को सबसे अच्छी तरह से सबके सामने रखा है. वे हमारे गुरु हैं, हम भी उनके रास्ते पर चलते हैं. मैं जब यहां आया था, तब मैंने यहां मत्था टेकने का सोचा था. 11 तारीख को हमें आमंत्रण आया था, मगर फिर हमें कहा गया कि सब लोग जा सकते हैं, लेकिन राहुल गांधी नहीं जा सकते. मुझे जब भी मौक़ा मिलेगा, मैं जाऊंगा.”
श्री श्री शंकरदेव जी ने असम की सोच को सबसे अच्छी तरह से सबके सामने रखा है।
वे हमारे गुरु हैं, हम भी उनके रास्ते पर चलते हैं। मैं जब यहां आया था, तब मैंने यहां मत्था टेकने का सोचा था।
11 तारीख को हमें आमंत्रण आया था, मगर फिर हमें कहा गया कि सब लोग जा सकते हैं, लेकिन राहुल गांधी… pic.twitter.com/hgqlWTXEjW
— Congress (@INCIndia) January 22, 2024
जयराम रमेश ने पोस्ट कर समझाई क्रोनोलॉजी
वहीं मंदिर में जाने से रोकने को लेकर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश ने पोस्ट कर पूरे विवाद पर कांग्रेस और राहुल का पक्ष रखा और बताया कि कैसे मुख्यमंत्री के आदेश पर राहुल गांधी को मंदिर में दर्शन करने से रोका गया.
जयराम रमेश ने पोस्ट किया, “क्रोनोलॉजी समझिए:
1. 11 जनवरी, 2024 को स्थानीय कांग्रेस विधायक शिबोमणि बरुआ और एक अन्य विधायक राणा गोस्वामी ने बोरदोवा थान सत्राधिकार से मुलाकात की और उन्हें 22 जनवरी की सुबह भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कुछ मिनट बिताने की राहुल गांधी की इच्छा के बारे में बताया। श्री श्री शंकरदेव की पवित्र जन्मस्थली। इस इच्छा का सत्राधिकार ने स्वागत एवं समर्थन किया।
2. कुछ दिनों बाद स्थानीय सांसद गौरव गोगोई ने बोरदोवा थान सत्राधिकार से मुलाकात की और राहुल गांधी की इच्छा दोहराई. एक बार फिर, इस इच्छा का स्वागत और समर्थन किया गया।
3. 20 जनवरी की शाम को, असम के सीएम ने अचानक घोषणा की कि राहुल गांधी 22 जनवरी की सुबह बोरदोवा थान नहीं जा सकते और उसी दिन दोपहर 3 बजे के बाद ही ऐसा कर सकते हैं।
4. 21 जनवरी की सुबह सत्राधिकार ने बयान दिया कि 22 जनवरी की सुबह थान में भारी भीड़ होने की उम्मीद है, इसलिए राहुल गांधी को दोपहर 3 बजे के बाद पवित्र स्थान पर जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्रबंधन समिति का निर्णय है. यह स्पष्ट है कि बोर्डोवा थान प्रबंधन समिति पर यह निर्णय लेने के लिए असम के मुख्यमंत्री द्वारा दबाव डाला गया था, जिन्हें बदले में दिल्ली से निर्देश दिया गया है।
5. आज सुबह काफी बातचीत के बाद सिर्फ स्थानीय सांसद और स्थानीय विधायक को बोरदोवा थान जाने की इजाजत दी गई. यह अभूतपूर्व है कि स्थानीय सांसद और स्थानीय विधायक को अपनी यात्रा के लिए बातचीत करनी पड़ी, जबकि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने में सक्षम होना चाहिए था!”
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