वॉशिंगटन:भारतीय मूल के अमेरिकी कारोबारी निकेश अरोड़ा NRI Nikesh Arora चर्चा में बने हैं.इस चर्चा की वजह है निकेश का ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में नाम शामिल होना.अब वो उन चुनिंदा अरबपतियों में से हैं, जो नॉन-फाउंडर हैं. अरोड़ा ने खुद कोई कंपनी शुरू नहीं की, बावजूद उसके वो अरबपति बन गए हैं.अब वो उन चुनिंदा अरबपतियों में से हैं, जो नॉन-फाउंडर हैं.ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक, निकेश अरोड़ा की नेटवर्थ 1.5 अरब डॉलर से ज्यादा है.जो भारतीय करंसी के हिसाब से 12,495 करोड़ रुपये है.
NRI Nikesh Arora गूगल में भी कर चुके हैं काम
निकेश अरोड़ा इस समय टेक कम्पनी पॉलो ऑल्टो नेटवर्क के CEO और चेयरमैन है. इस कंपनी की मार्केट कैप 91 अरब डॉलर से ज्यादा है.वह लंबे समय से अमेरिकी कंपनियों से जुड़े हुए हैं. निकेश गूगल में भी काम किया है.साल 2004 में गूगल से जुड़े थे.2012 में उन्हें गूगल से सालाना 5.1 अरब डॉलर सैलरी मिलती थी.वह जब गूगल में थे तो वहां सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाले इकलौते कर्मचारी थे.निकेश अरोड़ा जब गूगल में थे, तो उन्होंने 2009 में नेटफ्लिक्स को खरीदने का सुझाव दिया था. उस समय नेटफ्लिक्स की मार्केट कैप 3 अरब डॉलर थी, जो आज के समय में 27 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई है.गूगल ने उस समय अरोड़ा का सुझाव नहीं माना था.
जून 2018 में अरोड़ा पॉलो ऑल्टो नेटवर्क से जुड़े
गूगल को अलविदा कहने के बाद उन्होंने सॉफ्ट बैंक की तरफ अपना रुख किया और वहां के प्रेसिडेंट बने. उनके रहते सॉफ्ट बैंक ने 25 करोड़ डॉलर की डील की थी.सिर्फ इतना ही नहीं भारतीय स्टार्टअप स्नैपडील, ओला, ग्रोफर्स और हाउसिंग डॉट कॉम में भी सॉफ्ट बैंक ने इन्वेस्ट किया था. जून 2018 में अरोड़ा पॉलो ऑल्टो नेटवर्क से जुड़े थे और तभी से ही वह पॉलो के सीईओ और चेयरमैन रहे.कंपनी से जुड़ने के बाद उन्हें 12.5 करोड़ डॉलर के शेयर दिए गए थे.कंपनी के दिए शेयर पांच साल में कई गुना बढ़ गए, जिस कारण उनकी नेटवर्थ भी 1.5 अरब डॉलर को पार कर गई.
75 हजार रुपये लेकर आये थे अमेरिका
निकेश अरोड़ा की पहचान एक कारोबारी, इन्वेस्टर और एंटरप्रेन्योर के तौर पर है.इनका जन्म 9 फरवरी 1968 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ था.इनकी स्कूलिंग एयरफोर्स स्कूल से हुई.स्कूल के बाद आईआईटी बीएचयू से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पढ़ाई करी. आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चले गए.जहां उन्होंने नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से MBA और बोस्टन कॉलेज से फाइनेंस में MS की डिग्री हासिल की.अरोड़ा ने 1992 में फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट से अपने करियर की शुरुआत की थी. यहां वो टेक्ननोलॉजी मैनेजमेंट और फाइनेंस से जुड़े पद पर रहे हैं.2000 में उन्हें फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट में वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो अमेरिका आए थे, तो उनके पिता ने उन्हें 75 हजार रुपये दिए थे. इतने में गुजारा नही हुआ तो अपना खर्चा निकालने के लिए उन्होंने कभी बर्गर शॉप में सेल्समैन तो कभी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी की थी.