Monday, December 23, 2024

भूखे मर जाएंगे मोदी जी के चीते? बिश्नोई समाज ने कर दिया बवाल

भारत की धरती पर विलुप्त हो चुके चीतों की प्रजाति को बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के कुनो फॉरेस्ट में 8 चीतों को छोड़ा जो ख़ास तौर पर नामीबिया से लाए गए थे.पूरे देश में उन चीतों को लेकर ख़ुशी का माहौल दिखा. प्रधानमंत्री ने अपने जन्मदिन के मौके पर खुद उन चीतों को कुनो के जंगल में पिंजरे से आज़ाद किया.  लेकिन अब मोदी के चीतों पर बवाल मच गया है. हो सकता है इस बवाल की वजह से वो चीते भूखे ही मर जाएं क्योंकि बिश्नोई समाज ने अजीब मुद्दा उठा दिया है और इस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन भी शुरू हो चुका है.

दरअसल एक लंबी प्रक्रिया के बाद 17 सितम्बर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 चीतों को कुनो के जंगल में छोड़ा जो काफी साल के अथक प्रयासों के बाद अफ्रीका से लाये गए. अब मांसाहारी जानवरों को छोड़ तो दिया लेकिन वो कोई शाकाहरी जानवर तो नहीं जो घास पत्ते खाकर ज़िंदा रह लें.  तो इसीलिए उन 8 चीतों के भोजन के लिए कुनो जंगल में 181 चीतल हिरणों को छोड़ने की योजना बनाई गई लेकिन ऐसा करना प्रशासन को भारी पड़ने वाला है, क्योंकि उन हिरणों की रक्षा के लिए बिश्नोई समाज ने बगावती बिगुल फूंक दिया है . इस बगावत की शुरुआत फतेहाबाद से हुई है. बिश्नोई समाज के लोग फतेहाबाद में सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री इस प्रकार बेजुबान जानवरों की जान नहीं ले सकते हैं , अगर इतिहास उठा कर देखा जाये तो हर बार हिरणों को बचाने के लिए बिश्नोई समाज सबसे आगे होता है. क्योंकि बिश्नोई समाज में हिरणों को पूजा जाता है. ऐसे में सरकार के इस फैसले को लेकर एक बार फिर हिरन बचाओ मुहिम शुरू की गई है.बिश्नोई समाज की मांग है कि ये निर्णय वापस लिया जाए.

बिश्नोई समाज ने बिश्नोई नेता कुलदीप बिश्नोई से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है. सुशील बिश्नोई ने कहा कि प्रधानमंत्री का ये निर्णय सरासर गलत है, बिश्नोई समाज के द्वारा हर बार हिरणों को बचाने के लिए आवाज बुलंद की जाती रही है और इस बार भी बिश्नोई समाज धरने-प्रदर्शन पर उतर आया है. उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज के धाम मुकाम में बिश्नोई समाज के सभी बड़े नेता और एमएलए बड़ी मीटिंग करें और प्रधानमंत्री के इस निर्णय का विरोध करें और दबाव बनाएं कि प्रधानमंत्री इस निर्णय को वापस लें. ताकि बेजुबान जानवरों की जान बच सके. बिश्नोई समाज ने साफ तौर पर कहा कि आने वाले राजस्थान चुनावों में भी इसका असर साफ तौर पर देखने को मिलेगा

हिरणों कि रक्षा के प्रति बिश्नोई समाज की भावनाओं का अंदाज़ आप इसी बात से लगा सकते हैं की हिरन शिकार मामले में सलमान खान आज भी आरोपी है और उसी मामले को लेकर सलमान खान पर लॉरेंस बिश्नोई नाम के गैंगस्टर ने दो बार हमले का भी प्रयास किया जिसका खुलासा हाल ही में दिल्ली पुलिस ने किया.

अब देखना होगा इस मामले पर प्रधानमंत्री या प्रशासन का अगला कदम क्या होता है. क्या बिश्नोई समाज के लोगों की आस्था इस मामले में भारी पड़ती है या फिर प्रधानमंत्री का फैसला, इन सब के बीच ये सवाल भी है कि अगर हिरणों की जान बचा ली जाती है तो फिर जिन चीतों को करोड़ों रुपया खर्च कर भारत लाया गया वो खाएंगे क्या ?

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