पटना : बिहार में शिक्षा विभाग ने राज्य के 200 से अधिक ऐसे कालेजों के प्राचार्यों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है जिन्हें सरकार से अनुदान मिलता है. शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक KK Pathak के विभाग से ये आदेश जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि KK Pathak ने ये कार्रवाई गूगल-शीट पर जानकारी उपलब्ध ना कराने पर की है. शिक्षा विभाग के आदेश में ये साफ तौर से कहा गया है कि इस महीने मिलने वाली अनुदान राशि से प्राचार्यो को वेतन ना दिया जाये.
KK Pathak के आदेश से मचा हड़कंप
बिहार में सरकार छात्रों के रिजल्ट का आधार पर कुछ कॉलेजों के अनुदान देती है. पूरे राज्य में ऐसे अनुदानित कालेजों की संख्या 230 है. शिक्षा विभाग की तरफ से बताया गया कि इन कालेजों ने बार बार कहे जाने के बावजूद मांगी गई जानकारी गूगल शीट पर उपलब्ध नहीं कराई .सरकार के आदेश की अवहेलना के कारण ये कर्रवाई की गई है.
डेली रिपोर्ट ना देने पर कॉलजों की संबद्धता रद्द करने पर विचार
बिहार शिक्षा विभाग ने सभी कालेजों को एक बार फिर से ये आदेश जारी किया है कि प्रतिदिन की रिपोर्ट गूगल शीट पर उपलब्ध कराई जाये. अगर प्रतिदिन की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो शासन उन कालेजों को दी जाने वाली अनुदान राशि रोक देगा और संबद्धता रद्द कर दी जायेगी.
सूचना उपलब्ध ना कराना कालेज की लापरवाही का सूचक
इन कॉलेजों में साधारण कोर्स से लेकर वोकेशनल कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स और बीएड आदि के कोर्स चलाने वाले कालेजेज भी शामिल है. शिक्षा विभाग की तरफ से ये कहा गया है कि गूगल-शीट पर सूचना उपलब्ध ना कराना कालेज की लापरवाही का सूचक है.
शिक्षा विभाग ने कुलसचिवों को लिखा पत्र
जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की उच्च शिक्षा निदशक डा. रेखा ने सभी संबंधित यूनिवर्सिटीज के कुलसचिवों को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्टी में प्रतिदिन की सूचना को गूगल शीट पर अपडेट करने के निर्देश दिये गये हैं. आदेश में कहा गया है कि ये रिपोर्ट हर कालेज को अनिवार्य रुप से अपडेट करना है.रिपोर्ट में कालजों को ये बताना है कि प्रतिदिन कितने शिक्षक उपस्थित हुए, कितनी कक्षाएं चली साथ क्या अन्य गतिविधियां कालेज मे की गई.इसकी जानकारी भी गूगल-शीट पर उपलब्ध कराना होगा.
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग की समीक्षा में ये पाया गया है कि राज्य में करीब 300 ऐसे एफिलेटेड क़ॉलेज हैं,जो अपने प्रतिदिन के काम का ब्योरा नहीं दे रहे हैं. विभाग की तरफ से कहा गया है कि जो भी क़ॉलेज अपने और संबद्द कालेजों के बारे में पूरा ब्योरा नहीं दे पा रहे हैं उनकी संबद्धता रद्द कर दी जाये.