पाली ( राजस्थान) : राजस्थान के CM Ashok Gehlot ने ऐलान किया है कि प्रदेश सरकार राज्य के किसानों से उनके मवेशियों का गोबर खरीदेगी. पाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए CM Ashok Gehlot ने कहा कि “सरकार ने निर्णय लिया है कि गाय और भैंस का गोबर 2 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेगी. इस गोबर से खाद बनेगी जो खेतों में काम आएगी, बायोगैस बनेगी जो चूल्हे में काम आएगी, गोमूत्र से दवाएं बनेंगी..”
#WATCH पाली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पाली में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "…सरकार ने निर्णय लिया है कि गाय और भैंस का गोबर 2 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेगी। इससे खाद बनेगी जो खेतों में काम आएगी, बायोगैस बनेगी जो चूल्हे में काम आएगी। गोमूत्र से दवाएं… pic.twitter.com/twVcaK55F1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 10, 2023
CM Ashok Gehlot ने किसानों से किया लुभावन वादा
दसअसल कांग्रेस प्रत्येक चुनावी राज्य में एक से बढ़कर एक दावे कर रही है. मध्यप्रदेश में पहली से लेकर 12वीं तक पढाई मुफ्त करने का ऐलान किया तो वहीं राजस्थान में किसानों को खुश करने के लिए उनके मवेशियों का गोबर खरीदने का ऐलान कर दिया है. सरकार के इस प्रस्ताव से पशुपालन करने वाले किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है. आमतौर पर पशुओं का गोबर खाद के रुप में बेहद अच्छा विकल्प माना जाता है. ये गोबर किसान या तो यूं हीं बर्बाद कर देते हैं या फिर मुफ्त में दे देते हैं. अब सरकार के इस एलान से पशुपालकों को गोबर से भी आमदनी मिल सकेगी.
आयुर्वेदिक दवाओं में होता है गौमत्र का प्रयोग
गहलौत सरकार ने कहा कि सरकार गौमूत्र का प्रयोग दवा बनाने मे करेगी. आयुर्वेद में गौमूत्र को अपने आप में एक सपूर्ण औषधि माना गया है. माना जाता है कि गौमूत्र में ऐसे तत्व पाये जाते है, जिसमें कैंसर तक से लड़ने का गुण होता है. गौमूत्र में कैसेर रोधी तत्व तत्व मौजूद होते हैं. गौमूत्र मानव शरीर में रोग प्रतिरोधनक क्षमता को बढ़ाता है.
गोबर से बनायेंगे बायोगैस
सीएम अशोक गहलौत ने बताया कि गाय के गोबर से सरकार बायो गैस का निर्माण करायेगी जो आखिरकार लोगों के काम आयेगा.
पाली में पानी की समस्या से जूझ रहे हैं किसान
पाली में बड़ी संख्या किसान मतदाताओं की है. हाल ही में इस क्षेत्र के किसानों ने पानी की समस्या से परेशान होकर चुनावों का बहिष्कार करने का ऐलान किया था. 55 गांवो के किसानों ने सरकार से मांग की थी कि अगर क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो सभी 55 गांव चुनाव का बहिष्कार करेंगे. इस देखते हुए गहलौत सरकार का ये ऐलान किसानों की समस्या पर मरहम पट्टी के रुप में देखा जा रहा है.