Monday, December 23, 2024

‘कर्त्तव्य पथ के अनावरण’ पर क्यों नहीं पहुँचा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का परिवार, जानिये वजह ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के एक हिस्से का अनावरण किया जिसमें इंडिया गेट को एक नए स्वरूप में उन्होंने देश को सौंपा. इस अनावरण में सबसे ख़ास रहा नेता जी सुभाष चंद्र बोस को दिया गया सम्मान. जो किसी भी देश भक्त और उसके परिजनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. अमर जवान ज्योति के ठीक सामने वाली जगह में उनकी 28 फ़ीट ऊंची ओर 6 फ़ीट चौड़ी प्रतिमा लगाई गई. इस यादगार पल में देश विदेश के कई बड़े नेता और दिग्गज मौज़ूद थे, लेकिन इस दौरान जिसके लिए ये सब किया गया यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का परिवार वहां मौज़ूद नहीं था. यहां तक कि सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने समारोह में शामिल होने से साफ़ इंकार कर दिया. आइये बताते हैं क्यों.
तुम मुझे खून दो में तुम्हे आज़ादी दूंगा इस नारे के साथ अंग्रेज़ों के खिलाफ अपना लहू बहाकर अपने प्राणों का बलिदान देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत को वो दिन दिखाया जहां आज हम सब आज़ादी की सांस ले रहे हैं. आज़ादी के लिए उनकी लड़ाई ने अंग्रेज़ों को भारत छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया. उनके बलिदान को देश का बच्चा-बच्चा जानता है. इसीलिए उनके बलिदानों को याद रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितम्बर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया. पूरे देश ने उस समारोह को देखा. देश के बड़े-बड़े दिग्गज उस समारोह में मौजूद थे लेकिन इस कार्यक्रम में नेताजी के परिवार के सदस्य शामिल नहीं हुए. साथ ही उनकी बेटी अनीता बोस फाफ ने सरकार की चुनी हुई तारीख़ पर भी सवाल उठा दिए हैं. जी हाँ NDMC ने बुधवार 8 सितम्बर को राजपथ का नाम कर्तव्यपथ करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी. इसके बाद नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के मार्ग को कर्तव्यपथ कहा जाएगा.
नेताजी की बेटी अनीता समेत परिवार के सदस्यों का कहना है कि प्रतिमा का अनावरण किसी भी दिन नहीं किया जा सकता. परिवार के मुताबिक, 8 सितंबर को इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. हालांकि बेटी अनीता ने जानकारी दी है कि उन्हें कार्यक्रम के लिए निमंत्रण मिला है लेकिन इतने कम समय में जर्मनी से भारत आना उनके लिए मुश्किल था. वहीं नेताजी बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि परिवार के कई सदस्यों की उम्र काफी ज़्यादा है. ऐसे में उन्हें कार्यक्रम से पहले जानकारी दिए जाने की ज़रूरत है.
चंद्र कुमार बोस ने ट्वीट किया, ‘नेताजी की प्रतिमा का अनावरण किसी भी दिन नहीं किया जा सकता. दिन उन्हें या INA को लेकर प्रासंगिक होना चाहिए. उच्च स्तरीय केंद्रीय समिति के एक सदस्य ने 21 अक्टूबर या 23 जनवरी का सुझाव दिया था. ‘ बता दें चंद्र कुमार बोस ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली थी.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की काले रंग के ग्रेनाइट पत्थिर से निर्मित 28 फुट ऊंची प्रतिमा इंडिया गेट के पास एक छतरी के नीचे स्थापित की गई है. नेताजी की जिस भव्य प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है, उसे 280 मीट्रिक टन वजन वाले विशाल ग्रेनाइट पत्थटर से बनाया गया है. ग्रेनाइट के इस अखंड पत्थार को तेलंगाना के खम्मम से 1665 किलोमीटर दूर नई दिल्ली तक लाने के लिए 100 फुट लंबा 140 पहियों वाला एक ट्रक विशेष तौर पर तैयार किया गया था. मूर्ति को बनाने में 26000 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद 65 मिट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है. इस प्रतिमा को पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग करके पूरी तरह हाथों से बनाया गया है. अरुण योगीराज के नेतृत्वर में मूर्तिकारों के एक दल ने यह प्रतिमा तैयार की है.
आपको याद हो तो प्रधानमंत्री मोदी कि तरफ से 21 जनवरी 2022 को आश्वा सन दिया गया था कि इंडिया गेट पर नेताजी की ग्रेनाइट से बनी एक भव्यर प्रतिमा स्था पित की जाएगी. यह प्रतिमा उनके प्रति राष्ट्र के आभार के प्रतीक के तौर पर स्था पित की जाएगी. उनका ये वादा आज साकार हुआ है.

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