पटना : सीएम नीतीश कुमार कुमार ने आज जेडीयू के मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की. बताया जा रहा है कि हाल ही में जारी हुई जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति पर अल्पसंख्यक Pasmanda Muslim नेताओं के साथ चर्चा की जा रही है.
CM Nitish की निगाह Pasmanda Muslim नेताओं पर
सीएम नीतीश कुमार ने ये बैठक एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर की.बैठक में शामिल होने के लिए सुबह से ही मुख्यमंत्री आवास पर मुस्लिम Pasmanda Muslim नेताओं का जुटान शुरू हो गया. Pasmanda Muslim मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में जेडीयू के पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री जमा खान समेत कई बड़े नेता शामिल हुए.इस बैठक को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरु हो गई है. आने वाले लोक सभा चुनाव को देखते हुए इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.आपको बता दें कि हाल ही में जारी किये गये जाति गणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की मुस्लिम आबादी 17.70 प्रतिशत है. जाहिर तौर पर ये एक बड़ा वोट बैंक है . आमतौर पर बिहार में मुस्लिम आबादी को आरजेडी का वोटबैंक माना जाता है लेकिन आरजेडी के साथ में रहते हुए भी जेडीयू अपने स्तर पर मुस्लिम वोटरों को साधने में जुटी है.
बताया जा रहा है कि जातीय जनगणा रिपोर्ट के पब्लिक होने के बाद जेडीयू ने अति पिछड़ा मुसलमानों Pasmanda Muslim पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है. जाति जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की कुल जनसंख्या का करीब 10 प्रतिशत अति पिछड़ा मुसलमानों Pasmanda Muslim का है , जिन्हें पसमांदा मुसलमान भी कहा जाता है.
मुसलिम वोट बैंक पर सबकी नजर
आमतौर पर आरजेडी, जेडीयू समेत तमाम राजनीतिक पार्टियां केवल मुसलमानों पर ध्यान केंद्रित करती थी लेकिन जनसंख्या रिपोर्ट के बाद पसमांदा मुलमानों की संख्या ने राजनीतिक पार्टियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. पूरी आबादी में करीब 10 प्रतिशत संख्या होने के कारण अब राजनीतिक पार्टियां पसमांदा मुसलमानों पर भी ध्यान देने के लिए मजबूर हो गई हैं. बताया रहा है कि आज की बैठक में नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक नेताओं के साथ इसी मामले पर रणनीति बनाने को लेकर बात की है. आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर पसमांदा मुसलमानों को टिकट देने में तरजीह दी जा सकती है.
बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जाति गणना के आंकड़े सार्वजनिक किए. इसके बाद राज्य में मुस्लिम वर्ग से मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी उठने लगी है.