Thursday, February 6, 2025

Women reservation bill राज्यसभा से पारित होकर बना कानून,लागू होने केलिए अभी करना होगा इंतजार

नई दिल्ली : लोकसभा के बाद अब राज्यसभा ने भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव देने वाली ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’(women reservation bill)को पारित कर दिया है और इसके साथ ही देश के इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में महिलाओं की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कर दी गई है. महिला सशक्तिकरण के लिए दशकों से की जा रीह मांग को आज पक्ष और विपक्ष ने मिलकर पूरा किया है.

निर्विरोध पास हुआ Women reservation bill

राज्यसभा में गुरुवार को महिला आरक्षण बिल ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को  पारित करने के लिए पेश किया गया. सदन में इस बिल पर बहस करने के लिए 7 घंटे का समय रखा गया. सात घंटे की बहस के बाद वोटिंग कराई गई, जिसमें  बिल के पक्ष  214 वोट पड़े वहीं विपक्ष में कोई वोट नहीं पड़ा. लोकसभा में ये बिल बुधवार को ही पारित कर दिया गया था.

women reservation bill: संसदीय इतिहास का सुनहरा दिन

आपको बता दें कि महिला आरक्षण बिल जिसे मोदी सरकार ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ का नाम दिया है उसे सर्वसम्मति से पारित किया गया है. ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के बिल बनने के साथ ही 21 सितंबर 2023 का दिन भारत के संसदीय इतिहास में एक सुनहरे दिन के तौर पर दर्ज हो गया है. देश की आधी आबादी को चुनावी राजनीति में 33 प्रतिशत भागीदारी करने का अवसर देना अब राजनीतिक पार्टियों के लिए जरुरी होगा. इस बिल के पारित हो जाने के बाद कोई भी राजनीतिक दल अब महिलाओं को चुनावी राजनीति से दरकिनार नहीं कर सकता है.

women reservation bill : वोटिंग से पहले पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने बिल पर समर्थन के लिए सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पर वोटिंग से पहले कहा इस बिल पर दोनों सदनों में 132 सासंदों ने सार्थक बातचीत की. भविष्य में इस समय की गई चर्चा का एक एक शब्द काम आयेगा.इस बिल से नारी शक्ति को खास सम्मान मिला है.

women reservation bill पर बहस के दौरान सभापति धनखड़ और खरगे के बीच नोक झोंक

राज्य सभा में 7 घंटे इस बिल तक भी पार्टियों के नेताओं ने अपन बात रखी. इसी बीच जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे बोलने के लिए उठे तो उन्होंने कहा कि वो एक कविता के जरिये अपनी बात रखना चाहते है.इस पर धनखड़ ने कहा कि आप रहने दीजिये, आपकी कविता बहुत गंभीर होती है. इस पर खरगे ने चुटीले अंदाज में सभापति को जवाब दिया कि ये कविता आपके लिए नहीं महिलाओं के लिए है. फिर उन्होंने –  कोमल है तू कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है, जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है…

कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिल के प्रवाधान पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिल में जनगणना और परिसीमन की शर्त जोड़ना जरुरी नहीं था. सरकार चाहती तो इसे तत्काल लागू कर सकती थी.

बिल पर वोटिंग के साथ ही संसद का विशेष सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थागित कर दिया गया है. पांच दिनों का विशेष सत्र महिला आरक्षण बिल के पास होने के साथ ही समाप्त हो गया है.

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