एमपी: ज्ञानवापी विवाद फिर एक बार सुर्खियों में है. मुस्लिम और हिंदु पक्ष के बीच विवाद छिड़ा है. इसी विवाद को लेकर हालही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी को मस्जिद बोलने पर भड़कते हुए कहा था कि ज्ञानवापी को भूलकर भी मस्जिद ना कहना है. मामला अभी कोर्ट में लंबित है. तो उसे मस्जिद कहना गलत होगा. ऐसे में अब इस विवाद पर लाखों लोगों की आस्था का प्रतिक बने हुए धीरेन्द्र शास्त्री का बयान सामने आया है.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे सर्वे के बीच बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसे मस्जिद ना कहा जाए. उन्होंने ज्ञानवापी को शिव मंदिर बताते हुए कहा कि इसे मस्जिद ना कहा जाए. सिर्फ इतना ही नहीं भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने को अपना लक्ष्य बताने वाले बागेश्वर सरकार ने नूंह पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे देश के लिए दुर्भाग्य बताया.
दरअसल धीरेंद्र शास्त्री से ज्ञानवापी पर चल रहे सर्वे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है. सबसे पहले तो यह कहना बंद कर दो. ज्ञानवापी भगवान शंकर का मंदिर है.’ हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी को मस्जिद कहे जाने पर आपत्ति जताई थी. स्थानीय अदालत, हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से मिली अनुमति के बाद ज्ञानवापी में सर्वे किया जा रहा है.
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री से नूंह में हुई हिंसा को लेकर भी सवाल किया गया. इस पर उन्होंने कहा, ‘देश का दुर्भाग्य है सनातनी हिंदू इस प्रकार का कार्य देख रहे हैं. सब लोग जाग जाओ.’ 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर हमले के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए.
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है धीरेंद्र शास्त्री अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. अपने हिंदूवादी अजेंडों को लेकर बेहद मुखर रहने वाले धीरेंद्र शास्त्री खुलकर कहते हैं कि वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनते देखना चाहते हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री भक्तों के मन की बात समझ जाने का दावा करते हैं और उनके दरबार के वीडियो सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हैं. उनके दिए गए बयानों का काफी तादाद में लोगों पर धार्मिक और राजनीतिक रूप से भी असर पड़ता है.