पटना : सोमवार को सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार (Nitish Kumar Janta Darbar) में बैठे . एक के बाद एक 72 मामलों को लेकर सुनवाई हुई. हैरानी की बात ये रही है कि यहां आने वाले ज्यादातर मामले जमीन कब्जाने को लेकर थे. लोगों की शिकायत थी कि पुलिस उनकी नहीं सुनती है. सीएम के गृहजिले (Nitish Kumar Janta Darbar) नालंदा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. यहां एक ही जमीन पर 5 जमाबंदी कर दी गई थी.
सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जमीन कब्जा और पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई. सीएम ने अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है ?
Nitish Kumar ने सुने जमीन कब्जाने के अजीबो गरीब मामले
भागलपुर जिले सा आये एक फरियादी ने सीएम को बताया कि उसने जमीन खरीद ली, पूरा पैसा दे दिया तब उन्हें बताया गया कि ये जमीन उसकी नहीं है. वहीं सुपौल जिले से आये एक फरियादी ने कहा कि कुछ नकली लोगों ने उसकी जमीन की रजिस्ट्री कर दी. इसके साथ ही कुछ लोगों ने सीएम से साईबर फ्रॉड और पुलिस की लापरवाही की शिकायत की.
गोपालगंज से आये एक शख्स ने कहा कि इलाके में आर्केस्ट्रा का विरोध करने पर एक व्यक्ति की यहां हत्या कर दी गई थी, तीन साल बाद भी इस मामले मे कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
मुआवजा से संबधित शिकायत आई
सीएम को जनता दरबार में आज कुछ मामले जमीनों के मुआवजे के भी आये. जहानाबाद से आये एक शख्स ने शिकायत की कि हाइवे के लिए उसकी जमीन औऱ घर दोनों ले लिया गया लेकिन अब तक उन्हें मुआवजे की कोई रकम नहीं मिली है. मकान भी चला गया औऱ कहीं और जाकर मकान बनाने के लिए पैसा भी नहीं है. वहीं सीवान से आये एक शिकायतकर्ता ने बताया कि जेपी आंदोलन का हिस्सा रहने के बावजूद उन्हें आज तक जेपी सेनानी पेंशन नहीं मिला है. वहीं पूर्वी चंपारण से आये एक रिटायर्ड सेना के जवान ने कहा कि उसकी जमीन सेना ने अधिग्रहित कर ली है लेकिन ना तो दखल मिला है ना ही बंदोबस्ती हुई है.
आपको बता दें कि पिछले कई सालों से सीएम नीतीश कुमार जनता के कुछ शिकायतों के त्वरित निबटारे के लिए जनता दरबार लगाते हैं. जनता दरबार हर महीने के पहले तीन सोमवार को लगाया जाता है