Thursday, February 6, 2025

Delhi Ordinance : संसद में दिल्ली अध्यादेश का पास होना लगभग तय,YSR कांग्रेस ने किया सरकार का समर्थन

 दिल्ली  : केंद्र सरकार आज संसद में दिल्ली अध्यादेश (Delhi Ordinance) पेश करने की तैयारी में है. अभी तक लोकसभा में केंद्र के पास पर्याप्त संख्या बल होने के कारण यहां बिल के पास होने में कोई संकट नहीं था  लेकिन राज्यसभा को लेकर केजरीवाल सरकार को ये उम्मीद  थी कि वहां से अध्यादेश  (Delhi Ordinance) को कानून बनने से रोका जा सकता है . अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए बुरी खबर है. आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने दिल्ली अध्यादेश पर केंद्र सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है. राज्यसभा में YSR कांग्रेस के 9 सदस्य हैं.

राज्यसभा में दलगत स्थिति के मुताबिक  कल तक  एनडीए और विपक्षी इंडिया के पास लगभग बराबर सदस्यों का समर्थन था. राज्यसभा में एनडीए के पास 101 सदस्य थे वहीं विपक्षी पार्टी I.N.D.I.A के पास 100 सदस्यों का समर्थन था. 28 सदस्य ऐसे थे जो किसी गुट के साथ नहीं थे. इनमें बीजू जनता दल , YSR कांग्रेस  और कुछ मनोनीत सदस्य शामिल थे. गुरुवार को आंध्र प्रदेश की YSR कांग्रेस ने एनडीए का समर्थन करने की बात कही है . YSR CONGRESS के केंद्र सरकार के समर्थन में साथ आ जाने से  एनडीए के पास सदस्यों की संख्या 110 हो गई है. राज्यसभा में YSR कांग्रेस के 9 सदस्य हैं. राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 245 है.अभी भी कुछ मनोनीत सदस्यों पर केजरीवाल सरकार की उम्मीदें टिकी हैं.

केंद्र सरकार का Delhi Ordinance पर दोनों सदन में पलड़ा भारी

ऐसे में अब तय है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल की तमाम कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार का पलड़ा लोकसभा के साथ साथ राज्यसभा में भी भारी है. आज अगर केंद्र सरकार संसद के दोनों सदनों में दिल्ली अध्यादेश लेकर आती है तो उसे पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी.

राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के लिए धर्मसंकट

इस बीच विपक्षी पार्टियों ने अपने अपने सांसदो को व्हीप जारी कर केंद्र के अध्यादेश के विरोध में के लिए कहा है. जेडीयू ने भी अपने सासंदों को व्हीप जारी किया है कि पार्टी बिल के विरोध में रहेगी. राज्यसभा के उपसभापति हरवंश के लिए ये धर्मसंकट की स्थिति होगी कि वो सरकार के लिए मतदान करें या पार्टी लाइन पर चलें. हरवंश राज्यसभा में जेडीयू से दसस्य हैं.  हलांकि चर्चा है कि हरवंश राज्यसभा में पार्टीलाईन के खिलाफ जा सकते हैं. हाल ही में संसद के उद्घाटन समारोह में जेडीयू ने कार्यक्रम का विरोध करने का फैसला किया था लेकिन सदन के उपसभापति होने के नाते हरवंश ने पार्टी लाइन से अलग होते हुए  उद्घाटन समारोह में सक्रिय भूमिका निभाई थी. यहां तक की पार्टी  ने हरवंश पर अनुशासनात्म कार्रवाई करने की बात भी कही थी. अब देखना होगा कि आज हरवंश क्या फैसला करते हैं.हरवंश का वोट किसकी तरफ जाता है .

दिल्ली अध्यादेश (Delhi Ordinance) पास होने के मायने

केंद्र सरकार के अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली अर्धराज्य और केंद्र शाषित होने के कारण यहां की व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथ में होनी चाहिये.इसलिए दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केंद्र के पास होना चाहिये. वहीं अगर ये बिल पास हो जाता है तो दिल्ली में चुनी हुई सरकार के पास अफसरों पर कोई नियंत्रण नहीं होगा. ऐसे में राज्य सरकार को अपने सभी कार्य के लिए  केंद्र सरकार की अनुमति का इंतजार करना होगा . केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के पास हो जाने के बाद दिल्ली सरकार के पास कानून व्यवस्था को लेकर कोई एकाधिकार नहीं होगा. दिल्ली सरकार का किसी अधिकारी पर कोई नियंत्रण नहीं होगा.

दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद

दिल्ली सरकार ने संसद में पेश होने वाले दिल्ली अध्यादेश के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. यहां ये मामला बड़ी बेंच के पास है. संसद में कानून बन जाने के बावजूद उच्चतम न्यायालय संविधान के आलोक में फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कर सकता है.

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