दुमका में जिस तरह अंकित की हत्या की गई. उस मामले ने पूरे देश में हलचल पैदा कर रखी है. राजनेता से लेकर सोशल एक्टिविस्ट तक सब अंकित को इंसाफ दिलाने की बात कर रहे हैं. उसके कथित हत्यारे शाहरुख़ को सजा दिलाने की मांग की जारही है. अभी ये मामला थमा नहीं था कि राजधानी दिल्ली में एक और लड़की अंकिता की तरह किसी सिरफिरे का शिकार बन गई.
मामला दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार इलाके का हैं. जहाँ 11वीं कक्षा की छात्रा को 25 अगस्त को गोली मारने के आरोपी अमानत अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मिली खबर के मुताबिक आरोपी अमानत अली से छात्रा की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. जब छात्रा ने आरोपी से बात करना बंद कर दिया. तो अमानत अली अपना आपा खो बैठा.
आरोपी अली ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि इसके बाद उसने छात्रा की जान लेने का फैसला कर लिया और अपने साथी बॉबी और पवन के साथ मिलकर खतरनाक प्लान बनाया. घटना के समय पीड़ित छात्रा स्कूल से घर लौट रही थी. तभी आरोपियों ने उसे रास्ते में रोक कर गोली मार दी और घटना के तुरंत बाद फरार हो गए. गंभीर रूप से घायल छात्रा को बत्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में अभी भी उसका इलाज चल रहा है.
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, छात्रा गली नंबर 6 ए, ई-ब्लॉक में रहती है। वह अपने भाई के साथ कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ती है और 11वीं कक्षा की छात्रा है. 25 अगस्त को दोपहर में छात्रा अपनी मां व छोटे भाई के साथ स्कूल से लौट रही थी. तभी दो युवक पैदल आए और उसे पीछे से गोली मार दी. छात्रा वहीं गिर गई.
फिर घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी युवक कुछ दूरी पर खड़ी मोटरसाइकिल से फरार हो गए. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने छात्रा को बत्रा अस्पताल में भर्ती कराया है. छात्रा के पिता ने बताया कि उसकी बेटी को मोहल्ले में रहने वाला अरमान अली नाम का युवक एक साल से परेशान कर रहा था.
इसी तरह की वारदात झारखंड के दुमका से भी सामने आई थी. वहां भी एक नाबालिग छात्रा ने एक सिरफिरे से बात करने से मना कर दिया, तो आरोपी ने उसे सोते समय पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. मामले का आरोपी शाहरुख फिलहाल गिरफ्तार कर लिया गया है. शाहरुख को कड़ी सजा दिलवाने के लिए देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं लेकिन सवाल ये उठता हैं कि आखिर देश में नौजवानों को ये हुआ क्या है? अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश की बेटियों की सुरक्षा का क्या ? कब तक एक बाप एक भाई अपनी जान से प्यारी बेटियों को ऐसे हैवानों से दूर रख पाएंगे. लड़कियों का तो बाहर निकलना ही दुश्वार हो जाएगा. यहाँ ज़रूरत हैं ऐसे मामलों पर सख्ती की. ताकि कोई भी दरिंदा ऐसे कदम उठाने से पहले हज़ार बार सोचे.