Monday, December 23, 2024

White Tiger : भिलाई में बढ़ा व्हाइट टाइगर्स का कुनबा, डेढ़ महीने पहले जन्में शावकों की सामने आई तस्वीर

भिलाई (मध्यप्रदेश ) दुनिया भर में सफेद बाध (White Tiger) अपने खास रंग रुप के लिए जाने जाते हैं लेकिन दुनिया भर में इसकी आबादी बेहद कम है. भारत में इस समय लगभग 100 बाघ ही मौजूद हैं. ऐसे में पशु प्रेमियों खासकर टाइगर लवर्स के लिए खुशखबरी है. मध्यप्रदेश के भिलाई के मैत्री चिडिया घर में सफेद मादा बाधिन (White Tigeress) ने हाल ही में 3 शावकों (White Tiger) को जन्म दिया है. डेढ़ महीने पहले जन्में सफेद शावक बाघ (White Tiger) पहली तस्वीर सामने आई है.

WHITE TIGER IN BHILAI ZOO
NEW BORN WHITE TIGER IN BHILAI ZOO    

4 महीने तक डार्क रुम में ही रहैंगे नवजात White Tigers

अभी तक न नवजात शावकों को  आम लोगों की नज से दूर रखा गया है. जू प्रबंधन ने पहली बार शावकों की तस्वीर मीडिया के साथ साझा की है. शावकों के आने से जू प्रंबधन में खुशी की लहर है. हालांक  अभी इन नन्हे शावकों को पिजड़े से निकाला बाहर नहीं गया है. उन्हें उनकी मां के साथ ही डार्क रूम में रखा गया है.जू प्रबंधन का कहना है, कि शावक जब चार महीने के हो जायेंगे, तभी उन्हें केज से बाहर लाया जायेगा और पर्यटक नये नवेले मेहमानों के दीदार कर पायेंगे.

Bhilai new born white tiger
Bhilai new born white tiger

White Tiger सुल्तान और रोमा का परिवार बढ़ा

जू प्रशासन ने इन शावकों के माता पिता बाघ बाघिन को White Tiger सुल्तान और White Tigeress को रोमा नाम दिया है. सुल्तान और रोमा का परिवार बढ़ गया है.  डेढ़ महीने पहले सफेद बाघिन रोमा ने यहीं मैत्री बाग में तीन शावकों को जन्म दिया .सुरक्षा के लिहाज से इन शावकों को जन्म के बाद से ही डार्क रुम में ऱखा गया है.

पहली बार वीडियो बनाने के लिए इन्हें डार्क रुम से निकाला गया. मैत्री बाग चिडियाघर के वेटनरी डॉक्टर एन के जैन का कहना है कि मैत्री बाग जू सफेद बाघों के वंश वृद्धि के लिए बेहद अनुकूल है. 1997 में उड़ीसा के नंदन कानन जू से एक जोड़े सफेद बाघ को मैत्री बाग लाया गया था. तब से इनका कुनबा बढ़ता ही गया है. इन  तीन नन्हे शावको को मिलाकर अब कुल 9 सफेद बाघ जू में है. यहां से अबतक 12 बाघों को देश के दूसरे चिडिया घरों में भी भेजा गया है. पशु विशेषज्ञ के मुताबिक सफेद बाघ बेहद संवेदनशील होते है. इसलिए उन्हें सुरक्षित रखने के लिए उपाय किये जा रहे हैं. उन्हें दूसरे जानवरों से अलग रखा जा रहा है. इन शावकों के चार हीने का हो जाने के बाद उन्हें पिंजडे से निकाल कर बाहर छोड़ा जायेगा. फिलहाल ये शावक अपनी मां के दूध पर ही ही जीवित हैं. जब छोटे मांस के टुकड़े खाना शुरू करेंगे, तब उन्हें  केज से बाहर छोड़ दिया जायेगा.

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