शुक्रवार को ये साफ हो गया कि जंतर मंतर पर बैठे देश की शान पहलवानों की लड़ाई लंबी चलने वाली है. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि महिला पहलवानों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ वह प्राथमिकी दर्ज करेगी.
सॉलिसिटर जनरल ने की सुनवाई खत्म करने की मांग
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस के रुख के बारे में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ को सूचित किया. पीठ महिला पहलवानों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, इसके साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि क्योंकि अब एफआईआर होने जा रही है इसलिए मामले की सुनवाई खत्म कर दी जाए.
सिब्बल ने मांगी खिलाड़ियों के लिए सुरक्षा
हलांकि हफ्ता गुज़रते-गुज़रते पहलवानों को भी ये एहसास हो गया है कि लड़ाई लंबी और मुश्किल होने वाली है इसलिए कोर्ट में पहलवानों के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में महिला पहलवानों को सुरक्षा देने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया. सिब्बल ने कहा, “हम दो आधारों पर चिंतित हैं- नंबर एक, सुरक्षा दूसरा, बृजभूषण के खिलाफ 40 मामले हैं. मैं आपको सूची दूंगा.” इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने यौन शोषण की शिकार नाबालिग लड़की की सुरक्षा के संबंध में कोर्ट को एक सीलबंद लिफाफा सौंपा. सॉलिसिटर जनरल ने इसका विरोध किया लेकिन चीफ जस्टिस ने न सिर्फ महिला पहलवानों को सुरक्षा देने के निर्देश दिए बल्कि मामले में क्या कार्रवाई हो रही है उसकी जानकारी अगले हफ्ते होने वाली सुनवाई में देने को कहा. इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अब ये मामला अलग ही दिशा में जा रहा है.
सरकार एफआईआर कर रफा दफा करना चाहती है मामला
साफ शब्दों में कहा जाये तो कोर्ट में सरकार का रवैया वैसा ही था जैसा जनवरी में खिलाड़ियों से बात करते वक्त दिखा था. सरकार ने तब एक जांच कमेटी बना के पल्ला झाड़ लिया था. इस बार वो एक एफआईआर कर के मामले को रफा-दफा करवाना चाहती थी लेकिन पहलवानों के वकील ने वैसा होने नहीं दिया.
जंतर मंतर पर लगा बृजभूषण शरण सिंह के अपराधों की लिस्ट वाला पोस्टर
शुक्रवार को उन्होंने न सिर्फ कोर्ट में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी देने की बात कही बल्कि जंतर-मंतर पर भी बृजभूषण के आपराधिक इतिहास का पोस्टर लगा दिया. इस पोस्टर में बृजभूषण पर दायर 38 मामलों का जिक्र है. इसमें गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और तमाम अलग-अलग धाराएं शामिल हैं. इसके अलावा इस पोस्टर में ये भी बताया गया है कि बृजभूषण के खिलाफ किस थाने में कौन सा मुकदमा दर्ज हुआ है.
पहलवानों का समर्थन में उतरे खेल जगत के सितारे
इस बीच देश भर में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे देश के पहलवानों का समर्थन भी बढ़ता जा रहा है.
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक ट्वीट के जरिए जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन किया है. नीरज ने अपने ट्वीट में लिखा, “हमारे एथलीटों को न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर देखकर मुझे दुख होता है. उन्होंने हमारे महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने और हमें गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इससे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटा जाना चाहिए. न्याय सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.”
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) April 28, 2023
इसी तरह हॉकी खिलाड़ी पद्म श्री रानी रामपाल ने भी ट्वीट कर खिलाड़ियों का समर्थन किया है, रानी ने लिखा, हमारे जाने-माने पहलवानों को भारत की सड़कों पर न्याय की मांग करते देखना अत्यंत पीड़ादायक है. अपने साथी एथलीटों को इस स्थिति में देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं जिन्होंने अपने जीवन में कड़ी मेहनत की है और हमारे प्यारे देश के लिए बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. वे न्याय के पात्र हैं…#istandwithchampions
— Rani Rampal (@imranirampal) April 28, 2023
रानी की तरह ही टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने भी पहलवानों के पक्ष में ट्वीट कर लिखा है, “एक एथलीट के रूप में साथ ही एक महिला के रूप में यह देखना बहुत मुश्किल है. उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया है और हम सभी ने उनकी कामयाबी का जश्न मनाया है. उनके साथ यदि आपने भी ये जश्न मनाया है तो अब समय आ गया है कि अब उनके साथ मुश्किल समय में खड़े भी हों. यह बेहद संवेदनशील मामला है और गंभीर आरोप हैं.”
As an athlete but more as a woman this is too difficult to watch .. they’ve brought laurels to our country and we have all celebrated them , with them .. if you have done that then it’s time to now stand with them in this difficult time too .. this is a highly sensitive matter… pic.twitter.com/7mVVyz1Dr1
— Sania Mirza (@MirzaSania) April 28, 2023
बाकी खेलों की तरह ही क्रिकेट के सितारों ने भी खिलाड़ियों के समर्थन में आवाज़ बुलंद की है. कपिल देव ने भी अपने इंस्टा अकाउंट पर धरने की तस्वीर शेयर कर लिखा है क्या कभी इन्हें इंसाफ मिलेगा?
हरभजन सिंह ने भी पहलवानों के पक्ष में ट्वीट किया है. हरभजन ने लिखा, साक्षी, विनेश भारत की शान हैं. मैं एक खिलाड़ी के रूप में दुखी हूं, अपने देश के गौरव को सड़क पर प्रदर्शन करते देखकर. मैं प्रार्थना करता हूं कि उन्हें न्याय मिले.
Sakshi, Vinesh are India’s pride. I am pained as a sportsperson to find pride of our country coming out to protest on the streets. I pray that they get justice.#IStandWithWrestlers pic.twitter.com/hwD9dKSFNv
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) April 28, 2023
क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है, सहवाग ने लिखा- बहुत दुःख की बात है कि हमारे champions जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है, झंडा लहराया है , हम सबको इतनी ख़ुशियाँ दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है. बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए. उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा.
बहुत दुःख की बात है की हमारे champions जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है , झंडा लहराया है , हम सबको इतनी ख़ुशियाँ दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है।
बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा। pic.twitter.com/A8KXqxbKZ4— Virender Sehwag (@virendersehwag) April 28, 2023
पीटी उषा के बयान को लेकर खड़ा हुआ विवाद
हलांकि इस बीच एक विवाद भी खड़ा हो गया है. भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर दिए बयान पर पहलवान बजरंग पुनिया ने पलटवार किया है. पुनिया ने कहा, “ऐसा सुनकर बुरा लगता है क्योंकि वो खुद एक अच्छी खिलाड़ी हैं. वो अनुशासनहीनता की बात कर रही हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब आपकी अकादमी को तोड़ा जा रहा था, तब आप ट्वीट कर रही थी. क्या तब देश की गरिमा पर आंच नहीं आ रही थी?”
आपको बता दें कि भारतीय ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी उषा ने गुरुवार को कहा था कि “अगर खिलाड़ियों को कोई समस्या है तो उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, हमसे बात करनी चाहिए थी. हमारे पास आने के बजाय वे सड़क पर उतर गए हैं, ये खेल के लिए अच्छा नहीं है.”
क्या महिला खिलाड़ियों के सम्मान से बड़ा है अनुशासन
मामला महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण का है. ऐसे में अनुशासन और प्रोटोकॉल की चिंता इतनी ज़रूरी क्यों है वो सिर्फ पीटी उषा ही समझ सकती हैं. वैसे भी अगर पीटी उषा की बात मान भी ली जाए तो मामला एक हफ्ते पुराना नहीं है. खिलाड़ियों ने सरकार और खेल संघ को पूरे तीन महीने दिए थे. और जब तब भी कोई कार्रवाई होती नज़र नहीं आई तो मजबूरन उन्हें फिर सड़क पर उतरना पड़ा.
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