प्रयागराज : पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने उसरी चट्टी कांड में 22 साल बाद दर्ज मुकदमे की सीबीआई जांच की मांग की है. मुख्तार की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
हाइकोर्ट ने CBI,यूपी सरकार,पूर्व MLC बृजेश सिंह,बीजेपी MLC सुशील सिंह से 4 हफ्ते में मांगा जवाब
मुख्तार अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई,यूपी सरकार,पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह और बीजेपी एमएलसी सुशील सिंह से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है . इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी. यचिका में मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया है कि माफिया बृजेश सिंह और सुशील सिंह राजनीतिक व्यक्ति हैं. सत्ता पक्ष से जुड़े होने के चलते जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए उसरी चट्टी कांड की सीबीआई से जांच कराई जाये.मुख्तार की याचिका पर इलाहाबाद हाइकोर्ट में जस्टिस के जे ठाकर और जस्टिस उमेश चन्द्र शर्मा की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई.
उसरी चट्टी कांड में 22 साल बाद केस दर्ज
आपको बता दें कि साल 2001 में उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था.दोनों पक्षों से हुई फायरिंग में बृजेश सिंह पक्ष के मनोज कुमार राय की भी गोली लगने से मौत हो गई थी.मनोज कुमार राय मूल रूप से बक्सर बिहार का रहने वाला था.माफिया बृजेश सिंह पर मुख्तार के काफिले पर हमले का आरोप है. इसी मामले में अब मुख्तार अंसारी और अन्य के खिलाफ 22 साल बाद एफआईआर दर्ज हुई है.
बाहुबली बृजेश सिंह खेमे के मारे गए मनोज कुमार राय के पिता शैलेंद्र कुमार राय ने गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह के खिलाफ घटना के फौरन बाद मुकदमा दर्ज कराया था. मुख्तार अंसारी के दो करीबियों की भी हमले में मौत हुई थी.22 साल बाद केस दर्ज कराने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले व्यक्ति का कहना था कि मुख्तार अंसारी के डर की वजह से उसने पहले केस दर्ज नहीं कराया था. लेकिन उस समय इस मामले में मृतक के परिजनों की ओर से कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई थी.