मोगा(पंजाब) :खालिस्तान समर्थक पंजाब पुलिस का भगोड़ा और खालिस्तानी संगठन “वारिश पंजाब दे” का प्रमुख अमृतपाल आखिरकार 37 दिन बाद पकड़ा गया. पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को मोगा के एक गुरुद्वारे से गिरप्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उसे पंजाब से असम के डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया है. अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तार किये गये उसके सहयोगियों को भी डिब्रूगढ़ के जेल में ही रखा गया है.
![AMRITPAL MOGA](https://www.thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/04/AMRIT-PHOTO-300x185.jpg)
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी से पहले ये अफवाह उड़ी कि उसने बाकायदा सरेंडर किया है. वो रात को मोगा के रोड़ेगांव के गुरुद्वारे में पहुंचा,अरदास किया, प्रवचन किया और फिर खुद को सरेंडर किया . गुरुद्वारे के ग्रंथी जसवीर सिंह ने दावा किया कि अमृतपाल के उपर कोई दवाब नहीं था. वो रात को गुरुद्वारे में आया, सुबह तैयार हुआ, मत्था टेका, अरदास किया फिर बाहर आकर सरेंडर कर दिया.
वहीं पंजाब पुलिस ने सरेडर की बात को खारिज किया है औऱ पंजाब पुलिस के IGP सुखचैन सिंह ने बताया कि पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने गुरुद्वारे की घेराबंदी की और बिना गुरुद्वारा में घुसे उसे बाहर बुलाकर गिरफ्तार किया गया.
खुफिया सूचना पर अमृतपाल की हुई गिरफ्तारी -सुखचैन सिंह,IGP पंजाब पुलिस
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए पंजाब पुलिस के IGP सुखचैन सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी NSA के तहत हुई है. अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने बाकायदा ऑपरेशन चलाया. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पंजाब में शांति व्यवस्था बनी रही. पंजाब पुलिस ने ऑपरेशन चला कर अमृतपाल सिंह की सुबह 6.45 पर गुरुद्वारे से गिरफ्तार की .
IGP सुखचैन सिंह ऑपरेशन के बारे में बताया कि उनके पास खुफिया जानकारी थी कि अमृतपाल मोगा के रोड़े गांव के गुरुद्वारे में मौजूद है. वहां पुलिस में गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा रखते हुए उसे गिरफ्तार किया और गिरफ्तारी के बाद वहीं से असम के डिब्रूगढ़ रवाना कर दिया गया.