प्रयागराज : उमेश पाल अपहरण मामले में आज 11 बजे से सुनवाई शुरू हो जाएगी. इस मामले में अतीक की पेशी होनी है. उसे साबरमती से उत्तर प्रदेश ले आया गया है. स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट के जज दिनेश चंद्र शुक्ल फैसला सुनाएंगे.
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण हुआ था. अतीक अहमद ने धूमनगंज थाना क्षेत्र के फांसी इमली के पास लैंड क्रूजर गाड़ी से उमेश पाल को अगवा कराया था. उसे अपने चकिया कार्यालय में रखकर मारा पीटा और करंट लगाया. अतीक ने उमेश पाल से अपने पक्ष में लिखवा लिया और अगले दिन 1 मार्च 2006 को कोर्ट बयान भी दिलवाया था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और वह किसी तरह की गवाही नहीं देना चाहता है.
2007 में मुकदमा दर्ज हुआ था
2007 में उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद, भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, समेत कई अज्ञात पर केस दर्ज कराया.
अतीक अहमद समेत 10 नामजद आरोपी थे
इस मामले में पुलिस ने नामजद आरोपी अतीक अहमद, अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद, सौलत हनीफ के अलावा जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर को भी आरोपी बनाया था. इनमें से एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो चुकी है. अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में है. बाकी आरोपी जमानत पर बाहर हैं लेकिन आज कोर्ट का फैसला सुनाए जाते वक्त सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होना होगा. आज उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद अशरफ समेत सभी 10 आरोपी कोर्ट में पेश होंगे.
2009 में ट्रायल शुरू हुआ था
2009 में आरोपियों पर कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया और मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ था. 2016 में इस केस में उमेश पाल को पीछे हटने के लिए कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से उमेश पाल को फेंकने की कोशिश की गई थी. पीएसी बुलाने पर उमेश पाल की जान बच सकी थी. इस मामले में कर्नलगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज है.
ट्रायल रोकने की कई कोशिश हुई
आरोपियों की तरफ से मुकदमे का ट्रायल रोके जाने के लिए तरह तरह की अर्जी डाली गई. कभी उमेश पाल के cross examination के लिए तो कभी गवाहों को क्रॉस examine करने के लिए अर्जी डाली गई.
24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई
उमेश पाल ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द केस का निपटारा करने की मांग की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए. बचाव पक्ष की तरफ से 50 गवाह पेश किए गए. इसी केस की पैरवी से लौटने के बाद 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या कर दी गई.
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है तो यह किसी पहले मामले में सजा होगी.