फिल्म रिव्यू: अगर हम हिंदी सिनेमा की बात करे तो पचास के दशक से ही बॉलिवुड के मेकर्स लव जेहाद पर फिल्मे बनाते रहे हैं. हिंदू- मुस्लिम जोड़ो की प्रेम कहानियों पर ना जाने कितनी फिल्मे बन चुकी हैं. अगर हम इस फिल्म की बात करे तो ये फिल्म भी बाकी की फिल्मों से थोड़ी अलग है. दो समुदायों के बीच बढ़ती नफरत या दंगो के साथ नहीं बल्कि इस फिल्म का अंत आपको ऐसे विषयों पर बनी दूसरी फिल्मों से बिल्कुल अलग है, इतना ही नहीं फिल्म के राइटर और डॉयरेक्टर ने पूरी ईमानदारी के साथ आउटडोर लोकेशन पर स्टार्ट टू फिनिश पूरा किया. जो फिल्म की स्टोरी की डिमांड भी थी.
दो प्रेमियों की है ये कहानी
काठगोदाम और देहरादून के आसपास शूट की गई यह स्टोरी मुन्ना लाल मिश्रा और जोया खान की है. काशीपुर के एक कर्मकांडी पंडित गोविंद नामदेव का बेटा है. जो इस्लामपुरा की एक अमीर मुस्लिम फैमिली की लड़क जोया खान को दिल से प्यार करता है, कुछ मुलाकातों के बाद जोया खान को यकीन हो जाता है कि मुन्ना उसका सच्चा प्यार है. दोनो का अब बस एक ही सपना है. किसी भी तरह से अपनी अपनी फैमिली को मनाना और फैमिली की रजामंदी से शुभ निकाह-विवाह करना. क्या जोया खान और मुन्ना मिश्रा अपनी अपनी फैमिली को इस शादी या निकाह के लिए राजी कर पाते है या नही. बस इस ड्रामा के बीच फिल्म की पूरी कहानी घूमती नजर आती है . फिल्म में जबरदस्त गानों के साथ अच्छे डायलॉग्स भी हैं.
नए कलाकारों ने किया जबरदस्त काम
डॉयरेक्टर सिद्दकी की तारीफ करनी चहिए की उन्होने सीमित बजट और नए कलाकारों के साथ एक ऐसी स्टोरी पर फिल्म बनाने का साहस किया जिसे बनाने से ग्लैमर इंडस्ट्री के नंबर वन प्रोडक्शन हाउस भी कतराते है. शुभ निकाह जैसी फ़िल्मों के माध्यम से समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता, और आपसी भाईचारे का सबूत पेश किया है!
मुन्ना उर्फ़ मुन्ना लाल मिश्रा और जोया ख़ान की इस प्रेम कहानी को बड़ी ही ख़ूबसूरती के साथ पेश करने की कोशिश की गई है. इस फ़िल्म की स्टोरी सामाजिक एकता और राष्ट्रीय एकता का संदेश भी दिया गया है.
निर्देशक अरशद सिद्दीकी ने इस कहानी को असरदार ढंग से परदे पर पेश किया है. जोया के किरदार में अक्षा पार्दसानी और मुन्ना के किरदार में रोहित विक्रम ने अच्छी एक्टिंग की है. मुन्ना मिश्रा के पिता के रोल में गोविंद नामदेव खूब जम है. फिल्म की प्रॉडक्शन कंपनी ब्रांडेक्स एंटरटेनमेंट और अर्श संधू एंटरटेनमेंट की तारीफ करनी चाहिए कि उन्होने एक असरदार सब्जेक्ट पर पूरी ईमानदारी से फिल्म बनाई.