उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. जिसके तहत पुलिस एक्शन मोड में है और धड़ाधड़ एनकाउंटर किये जा रही है. लेकिन क्या अपराधियों को ख़त्म कर देना सही है या गलत . यही सवाल का जवाब इस वक्त पूरा उत्तर प्रदेश पूछ रहा है . यूपी की पुलिस से और यूपी सरकार से. जी हाँ उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी उस्मान के एनकाउंटर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है.उस्मान की पत्नी ने एनकाउंटर को फ़र्ज़ी करार देते हुए कई खुलासे किये है जो यूपी पुलिस के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं .
हम अपराधी का समर्थन नही करते हैं, लेकिन अगर बंदूक से इंसाफ़ होने लगे तो शायद ये धरती वीरान हो जाएगी!
विजय चौधरी उर्फ़ उस्मान की पत्नी कह रही है– “जैसे हमारे पति का एनकाउंटर किया है, हमारा भी कर दीजीए”#UttarPradesh pic.twitter.com/ddJSLFQDNB
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) March 6, 2023
उस्मान की पत्नी का बड़ा खुलासा
उस्मान की पत्नी सुहानी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कई अहम् खुलासे किये . सुहानी का दावा है कि उसके पति का नाम उस्मान नहीं, विजय चौधरी था. सुहानी ने कहा, पूरा गांव उसे विजय के रूप में जानता है और कोई नहीं जानता था कि वह उस्मान था. हमें उसके मारे जाने के बाद पता चला. वह 5 मार्च की रात घर में था और 6 मार्च को सुबह 7 बजे घर से निकला था. जबकि पुलिस का दावा है कि 6 मार्च को तड़के मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई.
सिर्फ इतना ही नहीं सुहानी ने कहा, ”24 फरवरी को जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई, उस दिन मेरे पति घर पर थे. 27 फरवरी को वह अपने बड़े भाई राजेश पर दर्ज मुकदमे के सिलसिले में सतना गए थे और दो मार्च को घर लौटे. अपने किये गए खुलासों में सुहानी ने ये भी दावा किया कि उसका पति ड्राइवर के रूप में काम करता था और उसे अतीक अहमद के साथ उनके संबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
इसी बीच सुहानी ने आरोपों कि छड़ी झाड़ते हुए यूपी पुलिस पर औप लगाए कि घटना के दिन पुलिस सुबह उसके पति और ससुर को उठा ले गई और उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए. पुलिस पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुहानी ने कहा, पुलिस ने गलत किया है. कानून किसी को मारने के लिए नहीं बनाया गया है. कानून सुरक्षा के लिए बनाया गया है.
Usman's wife accused the Yogi government of fake encounter: Usman was at home on the day of Umesh Pal's murder, Police deliberately did the encounter. pic.twitter.com/wJAaUPKqEl
— Sandeep Panwar (@tweet_sandeep) March 6, 2023
उसने कहा कि पुलिस ने उसके पति को मार डाला, क्योंकि वे अपराधियों को ट्रैक नहीं कर सके और अपनी कहानी को सच साबित करने के लिए उन्हें एक मुस्लिम नाम दे दिया. सुहानी ने अपने हिन्दू होने का सबूत देते हुए कहा कि हम मुस्लिम नहीं हैं. हमारे घर को देखें, इसमें हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें हैं और हम सभी हिंदू त्योहार मनाते हैं. इस गांव में हर कोई जानता है कि हम हिंदू हैं.
क्या है पुलिस का दावा?
वहीं सभी आरोपों का खंडन करते हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विजय चौधरी उर्फ उस्मान के खिलाफ कौंधियारा और कीडगंज थाने में वाहन चोरी व अन्य अपराधों में कई मामले दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि उसका भाई राजेश भी एक कुख्यात अपराधी है और फिलहाल वो सतना जेल में बंद है.
अब यहाँ कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ ये कहना थोड़ा मुश्किल है यहाँ जरुरत है. एक निष्पक्ष जांच की जो दूध का दूध और पानी का पानी कर सके. वैसे बता दें उमेश पाल हत्यकांड मामले में एक अन्य आरोपी अरबाज भी 27 फरवरी को प्रयागराज में एक कथित मुठभेड़ में मारा गया था. उसी दिन, पुलिस ने गाजीपुर के रहने वाले 27 साल के सदाकत खान को भी मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था.