भोपाल | मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के एक अधिकारी की पदस्थापना को लेकर उपजे असंतोष ने सोमवार को राज्यभर में व्यापक रूप ले लिया। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस आदेश को “विभाग की गरिमा और पेशेवर संरचना के विरुद्ध” बताते हुए आज सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन पेन डाउन हड़ताल की शुरुआत कर दी।
आयुक्त से भेंट के बाद उभरा निर्णय
सोमवार सुबह आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपक सक्सेना से प्रतिनिधिमंडल की भेंट के बाद, विभागीय कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि जब तक आरएएस अधिकारी श्री गणेश जायसवाल की जनसंपर्क विभाग में पदस्थापना संबंधी आदेश निरस्त नहीं किया जाता, तब तक सभी अधिकारी-कर्मचारी कलम बंद रखेंगे और नियमित कार्य बाधित रहेंगे।
विभागीय ढाँचे में ‘बाहरी हस्तक्षेप’ का विरोध
जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह विभाग अपनी विशिष्ट कार्यप्रणाली, लेखन-कौशल, मीडिया प्रबंधन, संचार रणनीति और रचनात्मक अभिव्यक्ति पर आधारित है, जिसे वर्षों से प्रशिक्षित जनसंपर्क कैडर के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी मेहनत से आगे बढ़ाया है।
उनके अनुसार—
“यह राजस्व अथवा प्रशासनिक प्रवृत्ति वाला विभाग नहीं, बल्कि राज्य सरकार और जनता के बीच संचार सेतु का संवेदनशील और रचनात्मक मंच है। इसमें बाहरी सेवाओं के हस्तक्षेप से कार्य-प्रवाह प्रभावित होता है और विभाग की विशेषज्ञता कमजोर पड़ती है।”
रात–दिन सरकारी संदेशों का संप्रेषण करने वाले विभाग का आक्रोश
जनसंपर्क विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इस बात से भी क्षुब्ध हैं कि वे दिन-रात सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और जनहितकारी योजनाओं को जनता तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं, परंतु विभाग में अनायास एवं अप्रासंगिक पदस्थापना से उनकी विशेषज्ञता और स्वायत्तता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाता है।
मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की अपेक्षा
अधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, जो स्वयं जनसंपर्क विभाग के मंत्री भी हैं, को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए आदेश को वापस लेना चाहिए।
उनका मत है कि विभाग की संवैधानिक और प्रशासनिक गरिमा बनाए रखने के लिए श्री गणेश जायसवाल की नियुक्ति संबंधी आदेश रद्द करना अत्यावश्यक है।
प्रदेशभर में कार्य ठप होने की संभावना
हड़ताल के चलते समाचार-संकलन, प्रेस नोट, कार्यक्रम कवरेज, सरकारी विज्ञापन, योजनाओं के प्रचार-प्रसार और मीडिया संवाद जैसी गतिविधियाँ प्रभावित हो गई हैं। यदि यह स्थिति लंबी चली तो प्रदेश सरकार के जनसंपर्क संबंधी कार्यों पर व्यापक असर पड़ सकता है

