छिन्दवाड़ा : अगर आप किसी शादी में मेहमान बनकर जा रहे हैं और वहां पर बाल विवाह हो रहा है तो आप भी सजा के हकदार हो सकते हैं. इसलिए ऐसा अगर आपको लगता है कि कहीं बाल विवाह हो रहा है तो तुरंत पुलिस या जिला प्रशासन को सूचना दे सकते हैं. पुलिस व प्रशासन के लगातार प्रयासों के बाद भी आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह हो रहे है, जिसके बाद प्रशासन एक्शन मोड में है.
भारत को बाल विवाह मुक्त किया जा सके इसके लिए छिंदवाड़ा जिले के हर गांव में प्रचार प्रसार करने के लिए रथ रवाना किया गया है जिससे लोगों को बाल विवाह रोकने के साथ ही इसके दुष्परिणामों को बताया जा सके
जिले में 100 दिनों तक चलेगा जागरुकता रथ
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कलेक्टर हरेंद्र नारायन और महापौर विक्रम अहके की मौजूदगी में जागरुकता रथ निकाला गया. इस दौरान रथ से प्रचार किया जाएगा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और गैर कानूनी है, जो बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधा है, तथा उनके सपनों को साकार होने से रोकती है. इसी के साथ बाल विवाह के खिलाफ हर संभव प्रयास करने और इसे रोकने की शपथ दिलाई गई.
इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर कलेक्टर कार्यालय परिसर से रवाना किया गया.
बाल विवाह में हुए शामिल तो भी मिलेगी सजा
एडवोकेट अजय पालीवाल ने बताया, '' बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत सजा का प्रावधान है, जिसमें दो साल तक की कठोर कैद और या ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है. इसमें शामिल व्यक्ति जो विवाह को संपन्न कराते हैं या उसमें सहायता करते हैं, उन्हें भी दंडित किया जाता है. यदि विवाह करने वाले पुरुष की आयु 18 वर्ष से अधिक है और 21 वर्ष से कम है, तो उसे साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा. खास बात हैं कि बाल विवाह में नाबालिगों को सजा नहीं दी जाती है लेकिन उनकी मदद करने वाले सभी आरोपी माने जाते हैं.
2030 तक चलेगा अभियान,ये है टारगेट
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत 27 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. यह अभियान 2030 तक चलेगा. सरकार का टारगेट है कि 2030 तक बाल विवाह भारत में पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा इसके लिए लगातार जागरूकता और कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
देश के 300 जिलों में अभियान 160 से ज्यादा संस्था शामिल
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास छिंदवाड़ा की बृजेश शिवहरे ने बताया, '' बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में देश भर में 300 जिलों में संचालित किया जा रहा है, जिसमें 160 से ज्यादा स्वयंसेवी संस्थाएं इस प्रयास के लिए काम कर रही हैं. इसमें बच्चों, सर्वाइवर्स, महिलाओं और सिविल सोसाइटी को सरकार के साथ जोड़ना है, जिससे हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा और अवसर का अधिकार मिल सके. इस मौके पर जिले में संचालित समस्त शैक्षणिक संस्थानों, पुलिस थानों, छात्रावासों, बाल देखरेख संस्थाओं, ग्राम पंचायतों व नगरीय निकायों सहित सभी उपयुक्त एवं चिह्नित स्थानों में बाल विवाह के विरुद्ध शपथ ली जाएगी.

