INS MAHE: भारत के पहले स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस का आज मुंबई में जलावतरण हो गया.INS MAHE के नौसेना के बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना की तहत में जोरदार बढ़ोतरी होगी. INS MAHE माहे श्रेणी का पहला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है, जो पूरी तरह से स्वदेश में निर्मित है. आईआनएस माहे, माहे श्रेणी का पहला युद्धपोत हैं. इसके अलावा अभी और 7 युद्ध पोत हैं, जिसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड में चल रहा है.नौसेना ने इस युद्धपोत का नाम ‘मौन शिकारी’ दिया है.
इस युद्धपोत के जलावतरण के समय वेस्टर्न कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे.
#WATCH | Mumbai | INS Mahe commissioned by COAS General Upendra Dwivedi into the Indian Navy
The commissioning of Mahe marks the arrival of a new generation of indigenous shallow-water combatants – sleek, swift, and resolutely Indian. With over 80% indigenous content, the… pic.twitter.com/RxyiXpohHg
— ANI (@ANI) November 24, 2025
INS Mahe की खासियत
आइनएस माहे का निर्माण 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्रियों से हुआ है. इस युद्धपोत की खासियत है कि ये खामोशी से उथले पानी (indigenous shallow water combatant )में दुश्मनों के युद्धपोतों का सफाया कर सकता है.ये युद्धपोत भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर एक ‘साइलेंट हंटर’ के रूप में काम करेगा . इस युद्धपोत को उथले पानी में पनडुब्बियों की खोज करके उन्हें नष्ट करने के लिए खास तौर से तैयार किया गया है. “ये पोत अपनी फायरपावर, स्टील्थ तकनीक और गतिशीलता के कारण तटीय सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा. आकार में कॉम्पैक्ट लेकिन क्षमताओं में बेहद शक्तिशाली माहे तटीय क्षेत्रों में चपलता, सटीकता और लंबी परिचालन क्षमता का प्रतीक है.”
⚓ A new chapter at sea!
Mahe, the first of the indigenous Mahe-class Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft, is set to join the #IndianNavy in Mumbai on 24 November 2025 🇮🇳⚓
Designed and built under the #MakeInIndia initiative, her induction marks a significant stride in… pic.twitter.com/xp4qAI33cN
— IN (@IndiannavyMedia) November 22, 2025
देश में चैन रहे, इस लिए आप जागते रहेंगे – थलसेनाध्यक्ष
मुंबई में हुए भव्य समारोह में थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह अवसर न सिर्फ गर्व का है, बल्कि देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता और समुद्री शक्ति का सशक्त प्रतीक भी है. और इसके लिए पूरी टीम बधाई की हकदार है. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सबसे पहले जहाज के कमांडिंग ऑफिसर और पूरी टीम को ‘ब्रावो जूलू’ कहते हुए शानदार आयोजन के लिए बधाई दी. इस मौके पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि – “जब यह जहाज आज अपना ध्वज फहराता है, तो यह सिर्फ नौसेना की उम्मीदें ही नहीं, पूरे देश का विश्वास अपने साथ लेकर चलता है. इसके हर मिशन में सफलता मिले, समुद्र हमेशा अनुकूल रहे और इसके नाविक पूरे साहस के साथ राष्ट्र सेवा में डटे रहें”
⚓ A new chapter at sea!
Mahe, the first of the indigenous Mahe-class Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft, is set to join the #IndianNavy in Mumbai on 24 November 2025 🇮🇳⚓
Designed and built under the #MakeInIndia initiative, her induction marks a significant stride in… pic.twitter.com/xp4qAI33cN
— IN (@IndiannavyMedia) November 22, 2025

