भोपाल: मध्य प्रदेश के इकलौते तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु द्वारा अचानक राज्यपाल मंगू भाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंपने का मामला सामने आया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरजीपीवी पर सेल्फ स्टडी रिपोर्ट यानि SSR में गलत या भ्रामक जानकारी दिखाकर नैक की ए प्लस प्लस ग्रेडिंग हासिल करने का आरोप लगाया था. गुरुवार को इसी मामले में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आरजीपीवी परिसर में जाकर कुलगुरु का घेराव भी कर दिया. माना जा रहा है कि विद्यार्थियों के इस दबाव के बाद कुलगुरु राजीव त्रिपाठी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
राज्यपाल को लिखे इस्तीफे के अंश
राज्यपाल को सौंपे गए इस्तीफे में राजीव त्रिपाठी ने लिखा कि, ''आरजीपीवी (राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) भोपाल के कुलपति पद से तत्काल प्रभाव अथवा आपके कार्यालय द्वारा उचित समझे जाने पर औपचारिक रूप से अपना त्यागपत्र देता हूं. मुझ पर जो विश्वास और जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूं. इस पद पर सेवा करना और अपनी पूरी क्षमता से आरजीपीवी के शैक्षणिक एवं संस्थागत विकास में योगदान देना मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात रही है.''
इस्तीफे को बताया व्यक्तिगत कारण
राजीव त्रिपाठी भले ही गलत जानकारी देकर SSR रिपोर्ट तैयार कराने के मामले में घिर चुके थे. लेकिन उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा देने का कारण व्यक्तिगत बताया. उन्होंने आगे लिखा कि, ''अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान मैंने मध्य प्रदेश की तकनीकी शिक्षा में शैक्षणिक उत्कृष्टता, पारदर्शिता और नवाचार के मूल्यों को बनाए रखने का प्रयास किया है. अपने व्यक्तिगत कारणों से, मेरा मानना है कि यह पद छोड़ने और विश्वविद्यालय के विजन को आगे बढ़ाने के लिए नए नेतृत्व को अनुमति देने का उपयुक्त समय है.''
एबीवीपी की मांग, यूनिवर्सिटी में लागू हो धारा 54
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि, ''नैक SSR के अंदर गलत एवं भ्रामक तथ्यों को शामिल करना यह गंभीर अकादमिक भ्रष्टाचार है. आज कुलगुरु ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा सौंपा, परंतु सरकार को तत्काल प्रभाव से धारा 54 लागू करनी चाहिए और इस भ्रष्टाचार में शामिल सभी दोषियों के ऊपर उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज करानी चाहिए. एबीवीपी का यह अकादमिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन सभी दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित होने तक जारी रहेगा.''

