दिल्ली | नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में शामिल चार और मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या छह हो गई है। चारों को कुछ देर में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। चारों आरोपियों को एनआईए ने श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में डिस्ट्रिक्ट सेशंस जज, पटियाला हाउस कोर्ट के प्रोडक्शन ऑर्डर पर हिरासत में लिया।
आरोपियों की पहचान पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ के डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वागे के रूप में हुई है। इन सभी ने उस आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाई थी जिसमें कई बेगुनाह लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।
पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं दो आरोपी
दिल्ली ब्लास्ट केस में सबसे पहले आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कश्मीर के जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को भी गिरफ्तार किया गया। इन दोनों ने आत्मघाती हमला करने वाले उमर उन नबी की मदद की थी। अब पुलिस ने चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने आतंकी हमले को अंजाम देने में उमर की मदद की थी।
6 दिसंबर के आसपास बड़े हमले की साजिश रच रहे थे आतंकी
आतंकी छह दिसंबर के आसपास बड़े हमले की साजिश रह रहे थे, क्योंकि इसी दिन 1992 में बाबरी मस्जिद गिरी थी। आतंकियों ने बड़े पैमाने पर ब्लास्ट करने की योजना बनाई थी। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉक्टर आदिल को गिरफ्तार किया। वह श्रीनगर में सुरक्षाबलों को धमकी देने वाले पोस्टर लगाते नजर आया था। इसके बाद आदिल की निशानदेही पर डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन की गिरफ्तारी हुई थी। बाद में फरीदाबाद से बड़ी संख्या में हथियार और 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था। इससे उमर नबी घबरा गया और समय से पहले ही हमला कर दिया, जिसमें कई लोग मारे गए। हालांकि, आतंकी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। इस मॉड्यूल से जुड़े कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एनआईए की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।

