Wednesday, November 19, 2025

गोरखपुर के इस गांव में फैला ऐसा डर, इंजेक्शन लगवाने पहुंच गए सैकड़ों लोग

- Advertisement -

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) के एक गांव (Village) के लोग एक के बाद एक करके डॉक्टर (Doctor) के पास पहुंच रहे हैं और एंटी रेबीज इंजेक्शन (Anti-rabies Injection) लगवा रहे हैं. गांव वालों में डर का माहौल का है. दरअसल, गोरखपुर के रामदीह गांव में 100 से ज्यादा लोग घबराहट में एंटी-रेबीज टीके लगवा रहे हैं. इसकी वजह ये है कि गांव वालों ने पूजा का प्रसाद, चना अमृत खाया था. ये चना अमृत उस गाय के दूध से बना था, जिसकी मौत शनिवार शाम को हो गई. अब बताया जा रहा है कि गाय को किसी कुत्ते ने काट लिया था. ऐसे में लोग घबरा गए और रेबीज होने के डर से अस्पताल पहुंचने लगे.

लोगों की भीड़ बढ़ती देख स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक स्पेशल मेडिकल कैंप गांव में ही लगा दिया. अब यहां लोगों को समझाया जा रहा है और जोखिम की जांच भी की जा रही है. साथ ही बढ़ती घबराहट के बीच गांव वालों को भरोसा दिलाया जा रहा है. करीब 3,000 की आबादी वाले इस गांव के हर उस शख्स के दिल में डर है, जिसने उस गाय का दूध पिया था या फिर उसके दूध की बनी कोई चीज खाई थी.

गांव के प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि करीब एक हफ्ते पहले उनके रिश्तेदार धर्मेंद्र गौड़ की गाय अचानक बीमार हो गई थी. धर्मेंद्र ने पशु चिकित्सक (Veterinarian) को बुलाया. जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि गाय को कुत्ते ने काटा है और उसके शरीर में रेबीज संक्रमण फैल चुका है. उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक ने गाय का वीडियो बनाकर अपने सीनियर डॉक्टर को भेजा. सीनियर डॉक्टर ने भी वीडियो देखने के बाद गाय में रेबीज के लक्षण की पुष्टि की और चेतावनी दी कि वह जल्द ही असामान्य व्यवहार करेगी और शायद बच नहीं पाएगी.

डॉक्टर ने सलाह दी कि जिसने भी गाय का दूध पिया है. वह एहतियात के तौर पर तुरंत एंटी-रेबीज टीका लगवा लें, क्योंकि अगर ये बीमारी फैलती है तो इसकी कोई इलाज नहीं होता. गांव में बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि 29 अक्टूबर और 2 नवंबर को हुई पूजा में प्रसाद बनाने के लिए इसी गाय का दूध इस्तेमाल किया गया था. दूध को शुभ माना जाता है, इसलिए इसे प्रसाद में मिलाया गया था.

गांव के प्रधान ने कहा कि धर्मेंद्र या किसी को भी बिल्कुल नहीं पता कि गाय को कब कुत्ते ने काटा. जैसे ही गाय में अजीब व्यवहार दिखने लगा, गांव में दहशत फैल गई. लोग उरुवा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीका लगवाने पहुंचने लगे. अब तक 100 से ज्यादा लोग पहली डोज ले चुके हैं. कुछ लोगों ने पिछले 3 से 6 महीने के बीच भी गाय का दूध पिया था, इसलिए वह भी एहतियात के तौर पर टीका लगवा रहे हैं.

PHC के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर जय प्रकाश तिवारी ने कहा कि लोग डरकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं, जबकि किसी में कोई लक्षण नहीं हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि गाय की जांच करने वाले डॉक्टर ने इंजेक्शन लेने की सलाह दी थी. इसलिए वह वही कर रहे हैं. अब तक लगभग 130 लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है. सभी को दो बैच में इंजेक्शन लगाए गए.

क्या कुत्ते के काटने के बाद गाय के दूध से इंसान को रेबीज हो सकता है? इस सवाल पर डॉक्टर जय प्रकाश तिवारी ने कहा कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं है कि ऐसा हो सकता है, लेकिन यह भी 100 परसेंट नहीं कहा जा सकता कि कभी नहीं हो सकता. उन्होंने बताया कि अभी तक ये भी लैब में कंफर्म नहीं हुआ है कि गाय असल में रेबीज से पीड़ित थी. गांव में मेडिकल कैंप लगाकर लोगों को समझाया दिया जा रहा है ताकि वह बेवजह न घबराएं. डॉक्टर ने कहा कि हमारे क्षेत्र में सालभर कुत्ते के काटने के कई मामले आते हैं, इसलिए हमारे पास एंटी-रेबीज वैक्सीन का काफी का स्टॉक मौजूद है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news