पटना(PATNA):बिहार चुनाव में RJD की करारी हार के बाद जिस तरह लालू परिवार में दरारें उभरकर सामने आई, उसने सबसे ज़्यादा चोट रोहिणी आचार्या को पहुंचाई है.पिता को जीवन दान देने वाली यह बेटी आज खुद को परिवार से दूर और अकेला महसूस कर रही है. पटना से सिंगापुर रवाना होते समय रोहिणी ने भारी मन से कहा कि वह अब खुद को इस परिवार का हिस्सा नहीं मानती यह दर्द उनके शब्दों में साफ छलक रहा था.
पार्टी परिवार से नाता तोड़ने के बाद रोहणी आचार्य का भावुक पोस्ट
रोहिणी के अनुसार, पार्टी की हार पर सवाल उठाना उनके लिए भारी पड़ गया. उन्होंने दावा किया कि उनके प्रश्नों का जवाब देने के बजाय उन्हें चुप करा दिया गया, और हालात ऐसे बने कि उन्हें राजनीति से लेकर परिवार तक सबसे दूरी बनानी पड़ी.सबसे ज्यादा कचोटने वाली बात यह है कि जिस बेटी ने अपने पिता के लिए जीवन दांव पर लगा दिया, आज वही बेटी आंसुओं में डूबकर कह रही है. मेरा कोई परिवार नहीं है.एक बेटी का यह दर्द दिल को तोड़कर रख देता है.
पढ़े क्यों परिवार से टूट गया रोहिणी आचार्य का रिश्ता
वहीं इस घटना पर सियासत भी सन्न है।JDU नेता अशोक चौधरी ने इसे लालू परिवार का निजी मामला बताते हुए कहा रोहिणी ने जिस दर्द के साथ बयान दिया है, वह बहुत मार्मिक है. लालू-राबड़ी जी के लिए बेहद दुखद.वहीं BJP नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा यह लालू परिवार का आंतरिक मामला है, लेकिन जो कुछ हो रहा है, वह अच्छे संकेत नहीं है.परिवार टूटने की स्थिति में है.
क्या है पोस्ट में पढिये
कल एक बेटी, एक बहन , एक शादीशुदा महिला , एक माँ को जलील किया गया , गंदी गालियाँ दी गयीं , मारने के लिए चप्पल उठाया गया , मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया , सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पडी .कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए माँ – बाप बहनों को छोड़ आयी , मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया.. मुझे अनाथ बना दिया गया ….आप सब मेरे रास्ते कभी ना चलें , किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी – बहन पैदा ना हो.

