स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद जहां एक तरफ सियासी पारा आसमान छू रहा था. वहीं दूसरी तरफ संत समाज के बीच में भी स्वामी प्रसाद मौर्या को लेकर काफी रोष दिखाई दे रहा है.
राजधानी लखनऊ के तमाम संगठनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तहरीर भी दी है. जिससे स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
वहीं राजधानी लखनऊ के चौक स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर के बाहर तो बैनर तक लगा दिया गया है जिसमें साफ शब्दों में या लिखा गया है कि अधर्मी स्वामी प्रसाद मौर्या का मंदिर परिषद में आना वर्जित है.
वहीं लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के निदेशक विवेक टंगड़ी ने बताया कि ऐसे अधर्मी पुरुष का हमारे मंदिर परिसर में आना पूरी तरह से प्रतिबंधित है जिसने हिंदू आस्था के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ किया हो इस तरह का बयान दिया हो पहली बात तो यह है कि उनके अंदर शिक्षा की कमी है उनको ताड़ना का अर्थ नहीं पता है ताड़ना का अर्थ किसी को प्रताड़ित करना नहीं जबकि नजर बनाए रखना होता है लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य की अज्ञानता उनके बयानों में नजर आती है.
फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का आक्रोश धीरे-धीरे सभी संत समाज में देखने को मिला है लगातार अलग-अलग संस्थाएं यह मांग कर रही है कि स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ एफ.आई.आर लिखी जाए और उन्हें गिरफ्तार भी किया जाए. जिन्होंने सनातन धर्म का इतना बड़ा अपमान किया हो उसे किसी भी हाल में बख्शा ना जाए.