Wednesday, November 12, 2025

दिल्ली ब्लास्ट जांच में चौंकाने वाला मोड़, डॉक्टर परवेज के फोन से मिले आतंकी लिंक

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दिल्ली के लालकिले के सामने 10 नवंबर को हुए धमाके के बाद जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े कथित आतंकी नेटवर्क में अब डॉक्टरों की भूमिका भी उजागर हो रही है. लखनऊ से गिरफ्तार डॉक्टर परवेज अंसारी के पास से बरामद पुराने की-पैड फोन ने पूरे मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया है. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि परवेज न केवल मुजम्मिल जैसे आतंकियों के संपर्क में था, बल्कि अपनी बहन डॉक्टर शाहीन शाहिद से भी लगातार बातचीत कर रहा था, जो फरीदाबाद मॉड्यूल की मुख्य कड़ी साबित हुई है.

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, परवेज के पास से तीन पुराने की-पैड फोन, एक हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए गए हैं. ये फोन आधुनिक स्मार्टफोनों की निगरानी से बचने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ये की-पैड फोन आतंकियों का पुराना हथकंडा है, जो ट्रेसिंग से बचाता है. परवेज इनके जरिए पाकिस्तानी हैंडलरों और साथी डॉक्टरों से कोडेड संदेश भेजता था.

चैट ग्रुप से रची साजिश
पूछताछ में परवेज ने कबूल किया कि वह अपनी बहन शाहीन से नियमित संपर्क में था. शाहीन फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई की कथित प्रेमिका थी. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद शाहीन की कार से एक AK-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ था. शाहीन ने खुलासा किया कि परवेज भी उसी व्हाट्सएप चैट ग्रुप का हिस्सा था, जिसमें मुजम्मिल, डॉक्टर आदिल अहमद राठर और JeM का मुख्य आरोपी उमर नबी शामिल था.

सूत्रों के अनुसार, दो साल से अमोनियम नाइट्रेट जमा किया जा रहा था. दिल्ली, फरीदाबाद और अन्य NCR शहरों को निशाना बनाने की साजिश थी. परवेज को मॉड्यूल में डॉक्टरों को कट्टर बनाने और विस्फोटक की आपूर्ति का जिम्मा सौंपा गया था. यह नेटवर्क घाटी से फरीदाबाद तक फैला हुआ था.

300 किलो अमोनियम नाइट्रेट अब भी लापता
सबसे चिंताजनक खुलासा यह है कि कुल 3,200 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट की खेप में से 2,900 किलो बरामद हो चुका है, लेकिन 300 किलो अब भी लापता है. यह विस्फोटक नेपाल-बांग्लादेश रूट से एक फर्टिलाइजर कंपनी से चोरी कर भारत लाया गया था.

फरीदाबाद के धौज और फतेहपुर तागा गांवों से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, दो AK-47, एक पिस्तौल, 200 राउंड गोला-बारूद, 20 इलेक्ट्रॉनिक टाइमर और IED कंपोनेंट बरामद किए गए हैं. 300 किलो अलग-अलग ठिकानों पर छिपा हुआ है.

एक सीनियर IPS अधिकारी ने बताया, यह अब भी खतरा बना हुआ है. अगर यह IED में तब्दील हो गया, तो कई शहरों में धमाके हो सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियां पूरे रूट पर अलर्ट हैं. नेपाल बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई है और बांग्लादेश से आने वाली खेपों की सख्त स्कैनिंग हो रही है.

ये डॉक्टर JeM के पाकिस्तानी हैंडलर उमर बिन खत्ताब उर्फ हरजुल्ला के संपर्क में थे, जो ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने की साजिश रच रहे थे.

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