Friday, November 21, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने का दिया आदेश, फूट-फूटकर रोईं महिला वकील

- Advertisement -

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों के मामले में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अदालत ने आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि को देखते हुए उन्हें शेल्टर होम शिफ्ट करने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूल, अस्पताल, बस अड्डों समेत सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए। उन्हें टीकाकरण और नसबंदी के बाद तय डॉग शेल्टर में रखा जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डॉग लवर्स निराश है। जानी-मानी अधिवक्ता और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा इस फैसले का जिक्र करते हुए कैमरे पर ही रो पड़ीं।

अधिवक्ता ननिता शर्मा क्यों रो पड़ी
अधिवक्ता ननिता शर्मा ने रोते हुए कहा कि 11 अगस्त वाला ऑर्डर वापस आ गया है। जैसे इन्होंने 11-8 को बोला था कि आवारा कुत्तों को शेल्टर हाउस में ले जाइए, उसी तरह का थोड़ा अलग वर्जन में ऑर्डर आ गया है। आज जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी शैक्षणिक और सरकारी संस्थानों, रेलवे स्टेशनों और परिवहन बस स्टैंडों से आवारा कुत्तों को हटाकर उनका स्थान बदला जाएगा। उन्हें वापस वहां आने नहीं दिया जाएगा। ऐसे मामले में आवारा कुत्तों की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

मैं ईश्वरीय न्याय में विश्वास रखती हूं- ननिता शर्मा
ननिता शर्मा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट से आज इतना कठोर आदेश पारित किया गया है, फिर भी मैं ईश्वरीय न्याय में विश्वास रखती हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि बेजुबान जानवरों के साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें तो पता भी नहीं आगे उनके साथ क्या होने जा रहा। अगर उन्हें शेल्टर हाउस में भेजा जाता है तो जो उन्हें मिलने वाले हैं उनकी स्थिति तो देखिए। डॉग लवर्स के लिए ये फैसला चौंकाने वाला है। ये उन बेबुबानों के प्रति अन्याय है।

आवारा कुत्तों के शेल्टर हाउस भेजने के आदेश से निराशा
देश भर में आवारा कुत्तों के प्रबंधन मामले पर स्वतः संज्ञान मामले जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने आदेश दिया कि आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, सार्वजनिक खेल परिसर, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर उचित बाड़ लगाई जाए। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्थानीय नगर निकायों को ऐसे परिसरों की नियमित तौर पर निगरानी करने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में क्या-क्या कहा
इसके साथ ही पीठ ने पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के तहत अनिवार्य टीकाकरण और नसबंदी के बाद जानवरों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इन सार्वजनिक स्थानों से हटाए गए कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नहीं लाया जाना चाहिए।

इसके साथ ही, कोर्ट ने समय-समय पर निरीक्षण करने का निर्देश दिया। इसके लिए तय एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) नियम का पालन किया जाए। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सड़कों और राजमार्गों से आवारा पशुओं जैसे गाय और अन्य जानवरों को तुरंत हटाया जाए। उधर आवारा कुत्तों को हटाए जाने के आदेश पर डॉग लवर्स में नाराजगी देखने को मिल रही।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news