व्यापार: रुपए के लिए अमेरिका से काफी अच्छी खबर आई है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड ने ब्याज दरों में कटौती के दरवाजे खोल दिए हैं. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है. साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में भी कटौती देखी गई है. इसके अलावा शेयर बाजार में भी तेजी का माहौल बना हुआ है. यही कारण है कि रुपए में बुधवार को छप्परफाड़ तेजी देखने को मिली है. जानकारों की मानें रुपए में काफी दिनों के बाद 80 पैसे से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. आने वाले दिनों में भी रुपए को सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई दे सकता है. इससे पहले मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले लाइफ टाइम लोअर लेवल पर पहुंच गया था. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही थी कि रुपया डॉलर के मुकाबले में 90 के लेवल को पार कर जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और फेड चीफ की कॉमेंट्री के बाद रुपए को जबरदस्त सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई दिया. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर करेंसी मार्केट में रुपया किस लेवल पर देखने को मिल रहा है.
रुपए में आई छप्परफाड़ तेजी
अमेरिकी फेड द्वारा चालू वर्ष में और ब्याज दरों में कटौती के संकेत के बाद डॉलर सूचकांक में नरमी के कारण बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अपने लाइफ टाइम हाई से सर्वकालिक निचले स्तर से 88 पैसे बढ़कर 87.93 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और आरबीआई के हस्तक्षेप की खबरों से घरेलू करेंसी को समर्थन मिला. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.74 पर खुला, फिर तेजी पकड़ते हुए 87.93 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 88 पैसे की बढ़त दर्शाता है. बाद में यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.33 पर कारोबार कर रहा था. मंगलवार को, रुपया 13 पैसे गिरकर डॉलर के मुकाबले 88.81 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ.
कच्चा तेल और डॉलर इंडेक्स टूटा
- इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.20 फीसदी की गिरावट के साथ 98.85 पर कारोबार कर रहा था.
- इंटरनेशनल मार्केट में खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.43 फीस की गिरावट के साथ 62.12 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, क्योंकि अमेरिका में शटडाउन तीसरे सप्ताह भी जारी है और किसी भी तरफ से सुलह के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.
- घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 354.57 अंक चढ़कर 82,384.55 पर पहुँच गया, जबकि निफ्टी 109.55 अंक बढ़कर 25,255.05 पर पहुच गया.
- एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शेयर बाजार में 1,508.53 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
क्यों आई रुपए में तेजी?
फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने मंगलवार को बात की और बेरोजगारी बढ़ने के कारण चालू वर्ष में ब्याज दरों में और कटौती का संकेत दिया. फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी हेड और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि उन्होंने महंगाई पर भी चिंता जताई और टैरिफ और प्रतिबंधात्मक इमिग्रेशन पॉलिसीज से उत्पन्न भविष्य के जोखिमों के बारे में चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि डॉलर सूचकांक पिछले सत्र की तुलना में लगभग 0.24 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 99.03 के स्तर पर आ गया, क्योंकि बाजार को अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और लगातार अमेरिकी शटडाउन को लेकर चिंताओं का अंदेशा था. इन दोनों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है और अल्पावधि में डॉलर को समर्थन दिया है, भले ही वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है. भंसाली ने कहा कि तीसरे सप्ताह तक जारी रहने वाले अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों के न आने से डॉलर की चाल पर असर पड़ रहा है.